स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कई अहम बाते रखी। उन्होंने कहा कि भारत की आत्म निर्भरता का अर्थ स्वयं सक्षम होना है। दुनिया से दूरी बनाना नहीं है। इसका अर्थ है कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में शामिल भी रहेगा और आत्म निर्भर भी बनेगा।
आइये जानते है राष्ट्रपति के संबोधन की पांच बड़ी बातें
1:-राष्ट्रपति ने वैश्विक महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि, कोरोना महामारी के बीच हमने अपने सामर्थ्य के दम पर अन्य देशों की ओर भी मदद का हाथ बढ़ाया है। हमारे पास विश्व-समुदाय को देने के लिए बहुत कुछ है।
2:- आत्मनिर्भर भारत पर राष्ट्रपति ने कहा कि, भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में शामिल भी रहेगा और आत्म निर्भर भी बनेगा
3:- कोरोना से लड़ी जाने वाली लड़ाई का जिक्र करते हुए महामहिम ने कहा कि, मेरा मानना है कि कोविड के विरुद्ध लड़ाई में जीवन की रक्षा पर भी ध्यान देना जरूरी है
4:- भारतीय रेल द्वारा इस चुनौती पूर्ण समय में लोगों के आवागमन को संभव किया गया है। हमने अपने सामर्थ्य के दम पर अन्य देशों की ओर भी मदद का हाथ बढ़ाया है। हमारे पास विश्व-समुदाय को देने के लिए बहुत कुछ है, विशेषकर बौद्धिक, आध्यात्मिक और विश्व-शांति के क्षेत्र में।
5:- उन्होंने विश्व कल्याण पर बोलते हुए कहा कि, सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चित् दु:खभाग् भवेत्॥
इसके अलावा राष्ट्रपति ने अपने ट्वीट के माध्यम से भी कई अहम मुद्दों पर अपने विचार रखें उन्होंने अयोध्या का जिक्र करते हुए कहा कि, अयोध्या में राम मंदिर से देश वासियों को गौरव की अनुभूति हुई है।
तो वही गलवान घाटी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि, पूरा देश गलवान घाटी में शहीद हुए बलिदानियों को नमन करता है।