कैप्टन कूल MS Dhoni को कैप्टन कूल का नाम ऐसे ही नहीं मिला था। कप्तान का काम होता है कि पूरे टीम को एक साथ लेकर चलना साथ ही हर सिचुएशन में टीम को सकारात्मक सोच के साथ खेलते रहने की ऊर्जा देते रहना। MS Dhoni इस काम में बखूबी माहिर थे।
छोटे शहर और एक मध्यम परिवार से आने के साथ-साथ उन्होंने टीम इंडिया में जगह बनाने से पहले काफी संघर्ष और कई बार नकारे जाने के दर्द भरे अनुभवों के साथ यहां तक का सफर तय किया है।
इन सभी अनुभवों के कारण ही MS Dhoni ने टीम इंडिया में जगह बनाने के बाद भी उसी सरल और शांत व्यवहार के साथ हर एक कठिन हालातों और हर चुनौतियों को आराम से हैंडल करने में महारत हासिल कर रखी थी। उनके कठिन हालातों में लिए फैसलों की वजह से ही उनको कैप्टन कूल की उपाधि दी गई थी।
कब दिखा कैप्टन कूल का सबसे उदास चेहरा मैदान पर ?
दो वर्ल्ड कप दिलाने वाले कैप्टन कूल महेंद्र MS Dhoni न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले जा रहे 2019 वर्ल्ड कप के दौरान पहली बार मायूस और उदास दिखे थे साथ ही उन्हें देखने आया हर एक प्रशंसक भी उनसे ज्यादा नाराज और उदास दिख रहा था।
वर्ल्ड कप सेमीफाइनल 9 जुलाई 2019 न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला गया मैच, महेंद्र सिंह धोनी का आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच भी था। यही मैच था जब महेंद्र सिंह धोनी ने पहली बार संन्यास लेने का मन बनाया होगा।
इस मैच में न्यूजीलैंड ने 240 रन का टारगेट भारत को दिया था। इस टारगेट का पीछा करते हुए भारत की खराब शुरुआत हुई थी। टारगेट का पीछा करते हुए भारत 100 रन के अंदर ही 7 विकेट खो दिए थे। रोहित शर्मा, के.एल राहुल और ना ही विराट कोहली का बल्ला इस मैच में चल पाया था।
महेंद्र सिंह धोनी और रविंद्र जडेजा इस पारी को संभालते हुए 116 रन की साझेदारी के साथ 208 रनों तक टीम के स्कोर को पहुंचाया। तभी रवींद्र जडेजा 77 रन बनाकर आउट हो गए और पूरे देश की उम्मीद धोनी से लग गईं। विकटो के बीच तेजी से रन लेने वालों में धोनी का नाम पूरी दुनिया के क्रिकेटरों में शुमार है लेकिन मार्टिन गुप्टिल के थ्रो पर धोनी रन आउट हो जाते हैं। आउट होने के बाद धोनी को पहली बार इतना उदास लोगों ने मैदान पर देखा था क्योंकि उनको एक एहसास हो गया था कि टीम इंडिया वह मैच अब नहीं जीत पाएगी और वर्ल्ड कप का सपना इस साल अधूरा ही रह जाएगा।
धोनी के रन आउट होते ही सवाल उठने लगे क्योंकि अंपायर ने उन्हें गलत आउट दिया था। सभी का मानना था कि वह एक नो-बॉल था और आउट गलत दिया गया है क्योंकि आखिरी के Power Play यानी आखरी 10 ओवर में मैदान के 30 यार्ड के सर्कल से बाहर सिर्फ 5 ही फील्डर रह सकते हैं जबकि न्यूजीलैंड के 6 फील्डर 30 यार्ड सर्कल से बाहर फील्डिंग कर रहे थे।
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