देश में बढ़ते कोरोनावायरस के मामलों को देखते हुए लगातार परीक्षाओं को स्थगित व रद्द करने की मांग उठाई जा रही है। इसी संदर्भ में एक जनहित में याचिका भी सुप्रीम कोर्ट के अंदर लगाई गई थी।
जिसके तहत यह अनुरोध सुप्रीम कोर्ट से किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट परीक्षाओं को महामारी के चलते रद्द करने का फैसला दें। जिसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि महामारी के चलते देश को रोका नहीं जा सकता है। परीक्षाओं को स्थगित किया जा सकता है परंतु रद्द करना विकल्प नहीं है।
वहीं अब जन की बात के सीईओ प्रदीप भंडारी ने भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए विद्यार्थियों के जीवन से जुड़ी एक मुहिम को शुरू किया है। जन की बात व प्रदीप भंडारी ने आज ट्विटर हैंडल से वीडियो के माध्यम से अपनी बात देश के सामने रखते हुए कहा कि, कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए NEET व JEE की परीक्षाएं कुछ महीनों के लिए स्थगित कर देनी चाहिए।
साथ ही प्रदीप भंडारी ने एजुकेशन मिनिस्टर से यह रिक्वेस्ट की है कि, कोरोना काल के चलते नवंबर तक किसी भी परीक्षा को न करवाया जाए।
जिसके पीछे उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि, इस समय न तो यातायात का उचित प्रबंध है व ने ही एग्जाम सेंटर के अंदर किसी भी प्रकार की सुविधाओं का प्रबंध है।
उन्होंने कहा कि एग्जाम सेंटर में अभी सैनिटाइजेशन का भी अभाव है। जिसके चलते विद्यार्थियों के जीवन से खिलवाड़ होगा।
उन्होंने विद्यार्थियों से भी अनुरोध करते हुए कहा है कि, आप लंबे समय से तैयारी कर रहे हैं तो 2 महीने और तैयारी कर लीजिए। क्योंकि यदि जीवन रहेगा तभी हम परीक्षाओं में सफल हो सकेंगे।
जिसके जवाब में अब लोग अपनी राय दे रहे हैं। एक यूजर ने कहा कि, उनकी बहन का सेंटर कोटा में है और वह खुद बिहार के दरभंगा से आते हैं। उन्होंने कहा कि अभी हमारे क्षेत्र बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है। इसके चलते यहां पर यातायात की सुविधाएं नहीं है।
वह प्राइवेट व्हीकल का खर्चा लगभग 60000 से ऊपर जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस वक्त न तो कहीं रुकने के लिए होटल हैं, और न ही यातायात के उचित प्रबंध जिसके तहत सरकार को अभी परीक्षाएं नहीं करवानी चाहिए।