अमन वर्मा
आज यानी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण, जिन्हें न्यायपालिका के खिलाफ ट्वीट करने के लिए दोषी ठहराया गया था। कोर्ट ने अवमानना मामले में सजा के रूप में 15 सितंबर तक 1 रुपये का जुर्माना देने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को क्वांटम पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा की अगर प्रशांत भूषण रुपए 1 का जुर्माना जमा करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें तीन महीने के लिए जेल की सजा काटनी होगी और तीन महीने के लिए प्रैक्टिस भी नहीं करने दिया जाएगा।
प्रशांत भूषण को अगस्त महीने के शुरुआत में उच्च न्यायालय ने न्यायपालिका के खिलाफ अपने दो ट्वीट पर अदालत की अवमानना के लिए दोषी ठहराया था। जिसपर प्रशांत भूषण ने माफी के लिए अदालत के सुझावों को बार-बार खारिज कर दिया था, यह कहते हुए कि यह उनकी अंतरात्मा की अवमानना होगी।
सुप्रीम कोर्ट पीठ ने सोमवार को कहा कि प्रशांत भूषण ने मीडिया में अपने बयानों को व्यापक रूप से प्रचार देकर अदालत में असहमति जताई। एससी ने कहा, “भूषण द्वारा प्रस्तुत दूसरे बयान का प्रकाशन प्रेस के समक्ष जारी किया गया था। जिसका मकसद स्वतंत्र न्यायिक कार्य को प्रभावित करना था।” सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा की, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन दूसरों के अधिकारों का भी सम्मान किया जाना चाहिए।”
14 अगस्त को प्रशांत भूषण को पाया गया था दोषी।
उच्चतम न्यायालय ने 14 अगस्त को प्रशांत भूषण को न्यायपालिका के खिलाफ अपने दो अपमानजनक ट्वीट के लिए आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया था। 25 अगस्त को, प्रशांत भूषण का प्रतिनिधित्व करते हुए, धवन को सुझाव दिया था कि शीर्ष अदालत ने 14 अगस्त के फैसले को अदालत ने कोई सजा नहीं दी थी केवल मामले को बंद करने के लिए बल्कि विवाद को समाप्त करने का भी आग्रह किया था जिसे प्रशांत भूषण ने नहीं स्वीकारा था।
अटॉर्नी जनरल के.के वेणुगोपाल ने अदालत में भूषण को माफ करने का अनुरोध किया और कहा उन्हें आगे से इस बात का ध्यान रखना होगा।