पूरी दुनिया जानती है कि जम्मू कश्मीर भारत का एक अभिन्न हिस्सा है और भारत ने धारा 370 हटा कर इसको स्पष्ट भी कर दिया। लेकिन अभी तक जम्मू कश्मीर के आधिकारिक वेबसाइट ने इसको शायद नहीं स्वीकार किया है। आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर के आधिकारिक वेबसाइट पर कुछ ऐसे शब्द लिखे हैं जिसे देखकर हर भारतीय का खून खौल उठेगा। आपको बता दें कि इस मुद्दे को जन की बात के संस्थापक प्रदीप भंडारी ने भी अपने ट्विटर पोस्ट के माध्यम से उठाया है और जम्मू कश्मीर के प्रशासन से मांग की है कि इस पर वह अपनी स्थिति स्पष्ट करें और इसमें बदलाव करें।
आपको बता दें जम्मू कश्मीर के पोर्टल पर एक पेज डेमोग्राफिक नाम से है जिसमें जम्मू कश्मीर के बारे में दर्शाया गया है वहां की जनसंख्या के बारे में लिखा गया है कि वहां पर कितने प्रतिशत हिंदू कितने प्रतिशत मुस्लिम हैं इसके बाद उस कुछ चीजें पहले की जनसंख्या को लेकर भी लिखी गई हैं। इस पेज के आखिरी में रिफ्यूजी को लेकर बात की गई है जिसमें एक आंकड़ा दिया हुआ है। इसमें कहा गया है कि करीब 15 लाख रिफ्यूजी आजाद कश्मीर और भारत शासित कश्मीर में रहते हैं। इसमें पीओके को आजाद कश्मीर के रूप में लिखा गया है जबकि जम्मू और कश्मीर को भारत शासित कश्मीर के रूप में बताया गया है।
इस मुद्दे को जन की बात के संस्थापक प्रदीप भंडारी ने अपने टि्वटर पोस्ट के माध्यम से उठाया और लिखा कि, “यह अपमानजनक है कि जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक वेबसाइट में पीओके के बजाय आजाद कश्मीर और जम्मू-कश्मीर को भारत शासित कश्मीर लिखा है। आधिकारिक वेबसाइट का प्रबंधन करने वाले व्यक्ति को केंद्र सरकार द्वारा जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।”
It’s outrageous that the official website of J&K reads Azad Kashmir instead of PoK and Indian administered Kashmir, not Jammu& Kashmir. The person managing the official website must be held accountable by the Central Government.https://t.co/0Lg07M1iP7@PMOIndia @manojsinha_ pic.twitter.com/kauTpODulr
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) June 24, 2021
Why does official portal of Jammu and Kashmir government talk of "Indian Administered Kashmir" and "Azad Kashmir"?
This has been there since 2016https://t.co/bvCWImrgzP pic.twitter.com/6gTxTp9lgp
— Gems Of Books (@GemsOfBooks) June 24, 2021
https://jk.gov.in/jammukashmir/?q=demographics