उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में बीजेपी ज्यादा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी जितना कि पंचायत चुनाव में उत्तर प्रदेश के सत्ताधारी दल करते हैं। अगर हम सपा और बसपा की सरकारों को देखें तो बीजेपी से अधिक निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष उनकी सरकारों में बने हैं। हालांकि पहले के मुकाबले बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया। जिम्मेदारी थी प्रदेश नेतृत्व को जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर बीजेपी के लोगों को बैठाना। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी के लिए एक अच्छी खबर आई कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी के 21 जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। उन्नाव में सपा प्रत्याशी मालती रावत ने अपना नामांकन वापस ले लिया, जिसके बाद उन्नाव में बीजेपी की जीत तय मानी जा रही है। हालांकि उन्नाव से अरुण सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान हैं जिन्हें बीजेपी सांसद साक्षी महाराज का समर्थन हासिल है। बीजेपी ने पहले अरुण सिंह को प्रत्याशी बनाया था लेकिन अरुण सिंह उन्नाव रेप मामले में हत्यारोपित है इसलिए बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया था।
बीजेपी को 21 जिलों में निर्विरोध कुर्सी हासिल हुई क्योंकि इन जिलों में विपक्ष के पास या तो मजबूत संख्या बल नहीं था या फिर विपक्ष का प्रत्याशी नामांकन नहीं कर पाया और प्रस्तावक नहीं मिले। हालांकि विपक्षी दलों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में बीजेपी धांधली कर रही है और विपक्ष के लोगों पर दबाव बनाए जा रहें है और उनके ऊपर फर्जी मुकदमें डाले जा रहे हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने तो यहां तक कह दिया कि उत्तर प्रदेश में हो रही धांधली के कारण बीएसपी पंचायत चुनाव नहीं लड़ेगी। हालांकि उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीएसपी कार्यकर्ता पूरे जोश के साथ तैयारी करें और हम सरकार बनाएंगे। बता दे 2016 में जब जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव हुआ था उस समय समाजवादी पार्टी के 38 प्रत्याशी निर्विरोध अध्यक्ष की कुर्सी पर निर्वाचित हुए थे। जबकि जब मायावती की सरकार थी तब 2010 में 20 बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर निर्विरोध निर्वाचित हुए थे।
उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी का निर्वाचन निर्विरोध हुआ। इसमें 21 निर्विरोध प्रत्याशी बीजेपी के जीते है जबकि एक समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी की जीत हुई है। बहराइच, इटावा, चित्रकूट, आगरा, सहारनपुर, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अमरोहा, ललितपुर, झांसी, बांदा, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, गोरखपुर, मुरादाबाद, मऊ, वाराणसी, पीलीभीत और शाहजहांपुर जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं।