Voice Of The People

24 जुलाई के बाद से ही बंद था अमन का फोन : अमन नागेशन के पिता ने प्रदीप भंडारी को बताया

चीन की राजधानी टिआंजे यूनिवर्सिटी पढ़ रहे भारत के अमन नागेसन की संदिग्ध हत्या के बाद अब पिछले चार दिनों से अमन का परिवार अपने बेटे के पार्थिव शरीर को भारत लाने के लिए संघर्ष कर रहा है।

मंगलवार को जनता का मुक़दमा में इंडिया न्यूज़ की तरफ से प्रदीप भंडारी ने अमन के परिवार के लिए न्याय की लड़ाई लड़ी और अमन के पिता उदय पासवान से बात की। अमन के पिता ने भावुक होकर प्रदीप का धन्यवाद् किया और अपने बेटे के हत्या से जुड़े कई सवाल देश के तमाम अधिकारियों और सरकारों से उठाए।

मामले को तफसील से जानने के लिए जब प्रदीप भंडारी ने अमन के पिता से पुछा की “आपको आपके बेटे की मौत की खबर कैसे मिली” तो अमन के पिता ने कहा “हमारे भाईसाब के पास तियानजे यूनिवर्सिटी से 29 जुलाई की रात को 1: 30 बजे फोन आया, हम सब सो रहे थे, उन्होंने फोन पर मेरे भाईसाब से पूछा कि आप अमन नागेसं के घर से बोल रहे हैं? मेरे भाईसाब ने कहा हां तो उन्होंने फोन काट दिया।

थोड़ी देर में हमें फिर एक फोन आया और इस बार उन्होंने हमें बताया कि यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के कमरा नंबर 609 में अमन की लाश मिली है। पहले हमें लगा कि ये शायद कोई गलती हो पर फिर बाद में भारतीय दूतावास ने इस पर मौहर लगाई।” बात को आगे बढ़ाते हुए अमन के पिता ने कहा कि “अभी तक हमें सरकार की तरफ से कोइ मदद नहीं मिली है, यहां की सरकार आंधी है, भैरी है गूंगी है”

अमन के पिता ने बताया की 24 जुलाई के बाद से ही अमन का फोन स्विच ऑफ आ रहा था और उनका अमन से कोई संपर्क नहीं था। यूनिवर्सिटी में शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्रदीप ने अमन ने पिता से पुछा की “आपकी सरकार से क्या मांग है?” तो इस पर बडी बेबसी के साथ जवाब देते हुए उन्होंने कहा ” हम चाहते हैं की सरकार हमारे बेटे की मृत शरीर को चाहे जिस हालात में हो भारत के आए”

SHARE
Sombir Sharma
Sombir Sharmahttp://jankibaat.com
Sombir Sharma - Journalist

Must Read

Latest