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सिद्धू ने वीडियो जारी कर कहा, जिस मकसद के लिए राजनीति में आया था ,वह पूरा नहीं हो पा रहा है

पिछले कई महीनों से पंजाब की राजनीति नेशनल मीडिया में छाई हुई है। करीब 10 दिन पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दिया और उसके बाद पार्टी ने दलित नेता चन्नी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाया। कहा जाता है कि चन्नी नवजोत सिंह सिद्धू के काफी करीबी हैं। लेकिन मंगलवार को एकाएक पंजाब की राजनीति में फिर से भूचाल आया। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्विटर के माध्यम से अपना इस्तीफा पेश कर दिया। पंजाब में हाल ही में नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे और चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के मुख्यमंत्री बने थे। इस्तीफे के पीछे सिद्धू की नाराजगी की वजह बताई गई और कहा गया कि सिद्धू हाईकोर्ट में वकील और डीजीपी की नियुक्ति से नाखुश थे। साथ ही साथ उनके कई करीबी मंत्रियों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। सिद्धू के इस्तीफा देने के बाद ही पंजाब कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी लग गई। सिद्धू की करीबी नेता रजिया सुल्ताना ने भी अपना इस्तीफा दे दिया। पंजाब कांग्रेस के महासचिव और कोषाध्यक्ष ने भी अपना इस्तीफा दे दिया। इस पूरे घटनाक्रम के बाद पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जो कि दिल्ली में थे उन्होंने ट्वीट कर सिद्धू पर निशाना साधा और कहा कि, “मैंने पहले ही कहा था कि सिद्धू स्थिर आदमी नहीं है। सिद्धू पंजाब के लिए फिट नहीं है।”

इन सब के बाद सिद्धू की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। उसके बाद आज सुबह सिद्धू ने 4 मिनट 28 सेकंड का एक वीडियो ट्वीट किया और उन्होंने अपनी व्यथा बताई और बताया कि आखिर उनका मकसद क्या है? सिद्धू ने वीडियो में कहा कि, “प्यारे पंजाबियों ,17 साल का राजनीतिक कैरियर एक मकसद के साथ शुरू किया हैं। पंजाब के लोगों की जिंदगी को बेहतर करना और मुद्दों की राजनीति के साथ एक स्टैंड लेकर उनके साथ खड़े होना यही मेरा धर्म था यही मेरा फर्ज था।

मेरा आज तक किसी से कोई निजी फायदा नहीं रहा और ना ही मैंने आज तक निजी लड़ाई लड़ी है। मेरी लड़ाई मुद्दों की है, मस्लो की है, पंजाब के एजेंडे की है। पंजाब के एजेंडे पर मैं हक की लड़ाई लड़ता रहा हूं और इससे कभी कोई समझौता नहीं किया। इसके लिए कोई पद मायने रखता, यह मेरा फर्ज था यह मेरा धर्म था। मेरे पिताजी ने एक ही बात कही थी कहीं भी जाओ सच के रास्ते पर जाओ, नैतिकताओं के साथ कोई समझौता नहीं।आज जब मैं देख रहा हूं उन मुद्दों के साथ समझौता हो रहा है। आज जब मैं देखता हूं, मेरा पहला कार्य मेरे गुरु के चरणों की धूल अपने सिर पर लगाकर उस इंसाफ के लिए लड़ना जिसके लिए पंजाब के लोग सबसे अधिक उत्सुक हैं। जब मैं देखता हूं जिन्होंने 6 साल पहले बादल को क्लीन चिट दी है, उन्हें उत्तरदायित्व दिया जा रहा है। जब मैं देखता हूं तो मेरी रूह कांपती है। जिन्होंने ब्लैंकेट बेल दी है वह लोग एडवोकेट जनरल हैं इसके पीछे क्या एजेंडा है?जो लोग मुद्दों की बातें करते थे वह मुद्दे कहां है? वह साधन कहां है? क्या इन साधनों के साथ हम अपनी मंजिल तक पहुंचेंगे? मैं ना तो हाईकमान को गुमराह कर सकता हूं और ना ही गुमराह होने दे सकता हूं। सिर माथे गुरु के इंसाफ वास्ते लड़ने के लिए पंजाब के लोगों के जीवन को बेहतर करने की लड़ाई लड़ने के लिए और साधुओं के लिए लड़ाई लड़ने के लिए सिर माथे किसी भी चीज की कुर्बानी मैं दूंगा। लेकिन सिद्धांतों पर खड़ा रहूंगा इसके लिए मुझे कोई सोचने की जरूरत नहीं है दागी नेता और दागी अफसरों का सिस्टम बना था दोबारा उसी को खड़ा नहीं किया जा सकता।”

सिद्धू ने इस वीडियो के माध्यम से अपनी नाराजगी व्यक्त की और बताया कि वह किन लोगों की नियुक्ति से नाखुश हैं और उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया है। हालांकि उनका आगे का क्या कदम होगा इसके बारे में उन्होंने नहीं बताया है। लेकिन कल उन्होंने अपने पत्र में यह लिखा था कि वह कांग्रेस में रहते हुए कांग्रेस के लिए कार्य करते रहेंगे।

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