चंदन पांडे, जन की बात
दिल्ली के जंतर-मंतर पर पुरुषों के लिए सत्याग्रह किया गया, जिसका नाम है “सत्याग्रह फॉर मैन” जन की बात के संवाददाता चंदन पाण्डेय से बात करते हुए समाज सेविका बरखा त्रेहन ने कहा कि देश में सबके लिए समान कानून व्यवस्था होनी चाहिए। इस प्रोटेस्ट में बरखा त्रेहन ने पुरुषों के लिए आवाज उठाते हुए कहा है कि देश में कुछ महिलाएं अपने लिए दिए गए सुरक्षा कानून व्यवस्था को अपना हथियार बनाकर पुरूषों के खिलाफ इस्तेमाल करती हैं। देश में कुछ महिलाएं पुरुषों को कानून की आर में प्रताड़ित कर रही हैं, उन पुरुषों के लिए हम प्रोटेस्ट कर रहे हैं कानून पुरुष और महिला के लिए बराबर होने चाहिए।
आपको बताते चलें कि समाज सेविका बरखा त्रेहन समय-समय पर ऐसे प्रोटेस्ट ऑर्गेनाइज करती रहती है और समाज की दबी-कुचली आवाज को सरकार तक प्रोटेस्ट के द्वारा पहुंचाने का प्रयास करती रहती हैं । “जन की बात” से बातचीत के दौरान बरखा त्रेहन ने आगे कहा कि आज के समय में पुरुषों की आवाज कोई नहीं सुन रहा है देश में जितने भी कानून है वो सभी महिलाओं के लिए होते हैं। हमारी सरकार से मांग है कि ” मैंन्स कमीशन” बनाया जाए देश में हर किसी के लिए आयोग है यहां कि पेड़- पौधे ,कुत्तों और कीड़ो के लिए भी आयोग है तो पुरुषों के लिए कोई आयोग क्यों नहीं है ? देश के करीब 51 प्रतिशत पुरुष आबादी है जिसमें से सुसाइड रेट ये कहता है कि देश में पुरुष 3 गुना ज्यादा आत्महत्या करते हैं। सारे हिंदुस्तान के समाज में पुरुषों की इस दबी और मजबूर आवाज को उठाने की जरूरत है । समाज को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए के लिए जागरूक करना बहुत जरूरी है ।
बरखा त्रेहन ने आगे कहा कि देश में प्रधानमंत्री सबका साथ सबका विकास की बाते करते है लेकिन वो हमेशा बेटियों की बात करते है कभी उन्होने पुरूषों के बारे में क्यों कुछ नहीं कहा , बेटियां भी देश की बहुत जरूरी है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि बेटे का कोई मूल्य नहीं है । देश में लगातार पुरूषों के साथ मेंटल इश्यू हो रहे है जिसमें काफी नामी गिरामी पुरुषों ने सुसाइड किया है उदाहरण के तौर पर सुशांत सिंह राजपूत है अगर ऐसा ही चलता रहा तो देश की बहुत जल्दी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति आ सकती है पुरुष जब सुसाइड करता है तो कहते कि डर के सुसाइड किया है लेकिन डर से कोई सुसाइड नहीं करता बल्कि खराब सिस्टम के कारण सुसाइड करना पड़ता है देश में इतने महिला आयोग हैं जो बराबरी की बात करते हैं ,वो क्यों नहीं बात करते हैं कि देश में जनरल न्यूट्रल लॉ होने चाहिए।
"सत्याग्रह फ़ॉर मेन" बहुत जरूरी है ,क्योंकि आज पुरुष भी बहुत ज्यादा प्रताड़ित हो रहा है। उनके लिए अपनी बात रखने का कोई कानून नहीं है। : बरखा त्रेहन(सामाजिक कार्यकर्ता)@barkhatrehan16 @pradip103 #SatyagrahForMen pic.twitter.com/Z3hgR747fD
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) October 2, 2021