जो लोग बंगाल में हिंदुओं की हत्या पर चुप रहें हो, जो किसान आंदोलन में हो रही हिंसा, बलात्कार को मौन रहें हो , जिन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक को शक की नजरों से देखें, जो दिनभर अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से राष्ट्रवादियों के खिलाफ जहर उगलते रहते हैं , उससे आप पत्रकारिता की उम्मीद कर सकते हैं? नही। कुछ ऐसा ही काम एक न्यूज़पोर्टल न्यूजलॉन्ड्री के कुछ खोजी पत्रकार करते हैं। इनका काम केवल राष्ट्रवादी पत्रकारों पर निशाना साधना और राष्ट्रवादियों पर झूठ फैलाने तक सीमित रह गया है।
पिछले कुछ समय से न्यूजलॉन्ड्री के कुछ कथित पत्रकारों के निशाने पर राष्ट्रवादी पत्रकार प्रदीप भंडारी हैं। वैसे भी न्यूज़ लॉन्ड्री के पत्रकार लगातार सोशल मीडिया पर प्रदीप भंडारी के ही पीछे पड़े रहते हैं। ऐसा मालूम होता है कि प्रदीप भंडारी न्यूजलॉन्ड्री के कथित खोजी पत्रकारों के सपने में आते रहते हो। अब बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या प्रदीप भंडारी की बढ़ती लोकप्रियता से देश के कथित लिबरल पत्रकार परेशान हैं? ऐसे ही पत्रकार है अजीत अंजुम जो अब यूट्यूब पर अपनी पत्रकारिता करते हैं। अगर उनकी पत्रकारिता को देखेंगे तो उनकी पत्रकारिता में राष्ट्रवादीयों के प्रति क्या व्यवहार उनका होता है आप आसानी से देख सकते हैं।
मेरे समर्थन में उठी आज हर आवाज़( #ISupportPradeepBhandari) का मैं धन्यवाद देता हूँ। मैं जानता हूँ कि सनातन धर्म के लिए आवाज़ उठाने में मुझे कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। मैं श्री कृष्ण के गीता में दिखाए पाथ पर हमेशा अग्रसर रहूंगा। जनहित ही है देशहित।
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) October 16, 2021
शुक्रवार को प्रदीप भंडारी ने अपने शो जनता का मुकदमा में सिंघु बॉर्डर पर मारे गए लखबीर सिंह के न्याय के लिए आवाज उठाई। लखबीर सिंह को तालिबानी स्टाइल में तलवार से मार कर मौत के घाट उतार दिया और यह कथित पत्रकार उनकी मौत पर चुप थे। कुछ ने सिर्फ दिखावे के लिए एक ट्वीट कर दिया। लेकिन प्रदीप भंडारी ने दलित लखबीर सिंह के न्याय के लिए अपने शो जनता के मुकदमा में आवाज उठाई। यही नहीं प्रदीप भंडारी के लखबीर सिंह के लिए न्याय की मुहिम को सोशल मीडिया पर जबरदस्त समर्थन मिला और #JusticeForLakhbirSingh हैशटैग पर एक लाख से अधिक लोगों ने ट्वीट कर अपना समर्थन दिया।
Shameful. They do not have the courage to speak about the goons hiding under the guise of the farmers Protest. @AadeshRawal & @ajitanjum Sorry but you need better mental treatment. #ISupportPradeepBhandari https://t.co/7h3LRyLIoH
— Anjana Rajput 🇮🇳 (@Anjana_09) October 16, 2021
While we must be discussing what happened to the Dalit man at #SinghuBorder , we are discussing what keyword did @pradip103 pronounced! Priorities!
— सबलोकतंत्र (@SabLokTantra) October 16, 2021
Have you uttered a word for Вагbаric kiIIing of Lakhbir Singh?? That was a Мurder for which you applied Fevicol on your lips & for 1 WORD uttered by @pradip103 your RR starts. Just SНЦТ ЦР & keep your faltu ka advice with yourself #JusticeForLakhbirSingh #ISupportPradeepBhandari https://t.co/Dq8qUM8CmZ
— Rosy (@rose_k01) October 16, 2021
@pradip103 the whole country is stand with you not a word comes out of the month of these alleged journalists in the support of Hindus they are run the agenda throughout the day 😉#ISupportPradeepBhandari pic.twitter.com/WreKskMW8q
— रिदानशि ( ਪ੍ਰਦੀਪਜੀਵੀ ) 🇮🇳 (@Rydanshi) October 16, 2021
दलित लखबीर सिंह के न्याय के लिए आवाज उठाने के कारण बीते शनिवार को न्यूजलॉन्ड्री के कुछ कथित पत्रकारों के समर्थकों ने प्रदीप भंडारी के खिलाफ सोशल मीडिया पर एक कैंपेन चलाने की कोशिश की। लेकिन उनके कैंपेन को देश की जनता ने नकार दिया और उसका पर्दाफाश कर दिया। क्योंकि सोशल मीडिया पर राष्ट्रवादी लोगों ने सोशल मीडिया पर #ISupportPradeepBhandari नामक ट्रेंड चलाकर उनको मुंहतोड़ जवाब दिया। बता दें कि यह ट्रेंड टि्वटर पर काफी समय तक नंबर 1 बना रहा। जब इन लोगों को लगा कि प्रदीप भंडारी के खिलाफ उनका कैंपेन विफल हो गया तब फिर न्यूजलॉन्ड्री ने प्रदीप भंडारी के खिलाफ एक आर्टिकल लिखा जिसमें प्रदीप भंडारी की पत्रकारिता का मजाक उड़ाया गया है। अगर आप न्यूजलॉन्ड्री के पत्रकारों को देखेंगे तो आप पाएंगे कि उनके ज्यादातर कथित खोजी पत्रकार सिर्फ राष्ट्रवादी एंकरों के बारे में ही लिखते हैं और उनके बारे में ही रिसर्च करते रहते हैं।
आपको बता दें कि OPIndia की रिपोर्ट के मुताबिक न्यूजलॉन्ड्री के इन्वेस्टर महेश मूर्ति पर 2018 में मीटू का आरोप भी लग चुका है। साथ ही साथ इसके पहले वह एक आपत्तिजनक ट्वीट कर मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी भी कर चुके हैं।
https://www.opindia.com/2021/05/mahesh-murthy-mayawati-tweet-deleted/amp/
शरजील उस्मानी जैसे हिंदू विरोधी लोग न्यूज़ लॉन्ड्री के लिए कॉलम लिखते थे और उनके ऊपर धार्मिक भावनाएं आहत करने का मुकदमा भी चल रहा है।
https://www.opindia.com/2021/05/complaint-filed-against-sharjeel-usmani-tweet-against-hindus-lord-ram/amp/
सिर्फ इन्हीं दो उदाहरण से आप समझ सकते हैं कि न्यूजलॉन्ड्री कैसी पत्रकारिता करता है। किसके फायदे के लिए करता है? आपको बता दें कि सितंबर महीने में मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर ईडी ने न्यूजलॉन्ड्री के ऑफिस पर रेड भी किया था।
https://www.opindia.com/2021/09/it-department-raids-offices-of-newslaundry-newsclick-reports/amp/