खुशी गुप्ता, जन की बात
गृहमंत्री अमित शाह तीन दिन के लिए जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गए थे, उनके इस दौरे के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। उनका जम्मू कश्मीर का दौरा सरकार के मद्देनजर बेहद अहम था,इसलिए भी क्योंकि बीते कुछ दिनों से घाटी में हो रहे आतंकी हमलों से लोगों में डर का माहौल है।बता दें कि अमित शाह ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की मांग को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला पर सोमवार को निशाना साधा और कहा कि पाकिस्तान से बात करने की बजाय सरकार कश्मीर घाटी के बहनों और भाइयों से बात करेंगे।श्रीनगर में एक समारोह में अपने 38 मिनट लंबे भाषण की शुरुआत करने से पहले गृह मंत्री ने मंच पर लगे बुलेट प्रूफ ग्लास को हटवा दिया था। बाद में, उन्होंने लोगों से कहा कि वह उनके साथ “मन की बात” करना पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि “फारुख साहब ने भारत सरकार को पाकिस्तान से बात करने की सलाह दी। मैं घाटी के युवाओं से बात करना चाहता हूं। मैंने घाटी के युवाओं के सामने दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। घाटी, जम्मू और नए बने लद्दाख का विकास पाक़ीज़ा मकसद से उठाया गया है कदम है”।
उन्होंने आगे कहा कि बहुत लोगों ने सवाल उठाए कि धारा 370 हटने के बाद घाटी के लोगों की ज़मीन छीन ली जाएगी। ये लोग विकास को बांध कर रखना चाहते हैं, अपनी सत्ता को बचाकर रखना चाहते हैं, 70 साल से जो भ्रष्टाचार किया है उसको चालू रखना चाहते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि ये लोग कहते थे कि दहश्तगर्दों के ख़िलाफ़ आवाज़ नहीं उठाई, इन लोगों ने घाटी का पर्यटन समाप्त कर दिया था। मार्च 2020 से मार्च 2021 के बीच में देश और विदेश के 1.31 लाख पर्यटक जम्मू-कश्मीर में आए हैं, जो देश के आज़ाद होने के बाद सबसे बड़ा आंकड़ा है।
आपको ये भी बता दें कि श्रीनगर के कार्यक्रम के बाद के गृह मंत्री अमित शाह और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पुलवामा ज़िले के लेथपोरा में CRPF के जवानों के बीच पहुंचे और वहां उनके साथ उन्होंने भोजन भी किया।