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केरल में आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या पर प्रदीप भंडारी ने कांग्रेस की जमकर लगाई क्लास, यहां पढ़िए प्रदीप की दलील…

तोषी मैंदोला, जन की बात

27 साल के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संगठन के कार्यकर्ता संजीत की चाकू से गोद गोदकर हत्या का मामला सामने आया है। हिंदू और हिंदुत्व के नाम पर हो रहे कत्लेआम का पर्दाफ़ाश करते हुए प्रदीप भंडारी ने लड़ा जनता का मुकदमा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संगठन के कार्यकर्ता की हत्या को लेकर प्रदीप भंडारी ने कार्यक्रम की शुरुआत में दलील पेश करते हुए कहा कि 72 घंटे पहले 27 साल के संजीत को चाकू से गोद गोद पर मारा गया। संजीत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संगठन के कार्यकर्ता थे। केरल के पलक्कड़ में संजीत की हत्या कर दी गई।

आपको बताते चलें कि की जनता का मुकदमा के आज के खास एपिसोड में कांग्रेस नेता कपिल मदान, बीजेपी नेता तुहिन सिन्हा, सोशल एक्टिविस्ट अवधेश उपाध्याय, पॉलिटिकल एनालिस्ट मनीष तिवारी और एसडीपीआई उपाध्यक्ष अहमद शरफुद्दीन शामिल रहे। कार्यक्रम में डिबेट शुरू करने से पहले जनता के वकील प्रदीप भंडारी ने दलील पेश करते हुए कहा कि 27 साल का संजीत बाइक चला रहा था, और उसकी बीवी पीछे की सीट में साथ बैठी हुई थी। जब संजीत उसकी मां के घर से वापिस आ रहा था, लगभग 4-5 लोगो ने संजीत को रोका और उसकी बीवी के सामने तलवार उसके शरीर के आर पार कर दी। 31 ज़ख्म उसके शरीर में आए थे। उसकी बीवी अर्शिका रोती गई लेकिन वो बेरहम नहीं रुके। इन हत्यारों ने उनके 11 महीने के बच्चे रुद्र केशव के बारे में भी नहीं सोचा। अर्शिका ने कहा कि वह संजीत के हत्यारों को पहचान सकती हैं। उन हत्यारों ने मास्क नहीं पहना था। लेकिन अभी तक उनका कोई अता पता तक नहीं चला। जहां संजीत को मारा गया, एलप्पल्ली वहां से वायनाड सिर्फ 6 घंटे दूर है। जो माननीय राहुल गांधी का लोक सभा क्षेत्र है। और वहां से मात्र 8 घंटे दूर है माननीय शशि थरूर का लोकसभा क्षेत्र त्रिवेंद्रम। राहुल गांधी जिन्होंने कहा था कि हिंदुत्व किलिंग की इजाजत देता है। वह संजीत की हत्या पर मौन है। कांग्रेस नेता शशि थरूर जो वीर दास के देश विरोधी और हिंदू विरोधी बयान को बचाने के लिए मैदान में कूद जाते है। आज वही कांग्रेस नेता शशि थरूर ने हिंदुत्व को ब्रिटिश फुटबॉल के गुंडो से जोड़ा है।

 

 

जनता का मुकदमा के वकील प्रदीप भंडारी ने अपनी दलील में आगे कहा कि पुलिस को शक है एसडीपीआई इसके पीछे हो सकती है। पीएफआई की राजनीतिक शाखा एसडीपीआई है जो यूपी में सीएए दंगों की जांच में मुख्य स्कैनर मैं आई थी। बंगलौर दंगों की चार्जशीट में एसडीपीआई का नाम था। साल 2018 में मुख्य मीडिया रिपोर्ट के हिसाब से पीएफआई के लोग अलकायदा से जुड़े समूह आईएचएच से पीएफआई ने मुलाकात करवाई थी। सोचिए अगर यूपीए शासन में आरएसएस कार्यकर्ता संजीत को मारा जाता तो क्या राहुल गांधी यह कहते कि हिंदुत्व आतंकवादी है। और संजीत के हत्यारे क्या शांतिदूत कहलाते? प्रदीप भंडारी नें आगे कहा कि मैं ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा लेकिन हिंदू और हिंदुत्व पर हमला बर्दाश्त नहीं करूंगा।

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