हिमानी जोशी, जन की बात
आज केंद्रीय सरकार ने दशकों बाद नगालैंड, असम और मणिपुर राज्यों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) को अशांत क्षेत्रों में कम करने का फैसला किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को ट्वीट कर जानकारी दी. यह विशेष कानून अब इन राज्यों के कुछ खास इलाकों तक सीमित रहेगा। इसका क्षेत्र घटा दिया गया है। उत्तर-पूर्व के राज्यों से इस कानून को हटाने के लिए लंबे समय से मांग हो रही है। हालांकि केंद्र ने अभी इसे पूरी तरह हटाने की बजाए कुछ गड़बड़ी वाले क्षेत्रों तक सीमित करने का फैसला किया है।
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर फैसले का किया स्वागत
अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा, भारत सरकार ने दशकों बाद नगालैंड, असम और मणिपुर राज्यों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) के तहत अशांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला किया है।
In a significant step, GoI under the decisive leadership of PM Shri @NarendraModi Ji has decided to reduce disturbed areas under Armed Forces Special Powers Act (AFSPA) in the states of Nagaland, Assam and Manipur after decades.
— Amit Shah (@AmitShah) March 31, 2022
उन्होंने कहा, “AFSPA के तहत क्षेत्रों में कमी सुरक्षा की स्थिति में सुधार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा उत्तर पूर्व में स्थायी शांति लाने और उग्रवाद को समाप्त करने के लिए लगातार प्रयासों और कई समझौतों के कारण तेजी से विकास का परिणाम है।”
अमित शाह ने पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए लिखा, “नरेंद्र मोदी जी की अटूट प्रतिबद्धता से, हमारा पूर्वोत्तर क्षेत्र, जो दशकों से उपेक्षित था, अब शांति, समृद्धि और अभूतपूर्व विकास के एक नए युग का गवाह बन रहा है। मैं इस महत्वपूर्ण अवसर पर पूर्वोत्तर के लोगों को बधाई देता हूं।”
Thanks to PM @NarendraModi Ji’s unwavering commitment, our North-Eastern region, which was neglected for decades is now witnessing a new era of peace, prosperity and unprecedented development.
I congratulate the people of North East on this momentous occassion.
— Amit Shah (@AmitShah) March 31, 2022
क्या है AFSPA कानून?
1958 में संसद द्वारा आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) को पारित किया गया था। इसे ऐसे क्षेत्रों में लागू किया जाता है, जो अशांत हैं और तनावपूर्ण हालात हैं। इस कानून के तहत सुरक्षाबलों को कुछ विशेष अधिकार दिए गए हैं। अफस्पा के तहत, बिना वारंट के गिरफ्तारी का भी अधिकार मिलता है। सुरक्षाबलों को बिना किसी पूर्व नोटिस के इलाके में अभियान चलाने और छापेमारी करने का अधिकार प्राप्त होता है। साथ ही किसी अभियान में चूक होने की स्थिति में उनके ऊपर कानूनी कार्रवाई नहीं की जाती है। सितंबर 2017 तक मेघालय के करीब 40 फीसदी हिस्से में अफ्सपा लागू था। बाद में गृह मंत्रालय की समीक्षा के बाद राज्य सरकार ने मेघालय से अफ्सपा को पूरी तरह वापस लेने का फैसला किया।