प्रदीप भंडारी ने अपने शो जनता का मुकदमा में पिछले 3 हफ्तों से कश्मीरी हिंदुओं के इंसाफ की लड़ाई अभी भी लगातार जारी रखी है। आपको बता दें कि प्रदीप भंडारी ने विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्मित ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म का अपने शो जनता का मुकदमा इंडिया न्यूज़ पर सबसे पहले प्रमोशन किया और इस फिल्म का साथ दिया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट के बाद आज संसद तक पहुंच गया है, आज बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने राज्यसभा में #HangBittaKarate अभियान पर आवाज उठाई. सुशील मोदी ने राज्यसभा में कहा कि बिट्टा कराटे और यासीन मलिक जैसे आतंकवादियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए ताकि 1990 के दशक जैसी किसी भी कश्मीरी हिंदू की दुर्दशा न हो। इसी विषय पर आज प्रदीप भंडारी ने बीजेपी सांसद सुशील मोदी से सवाल जवाब किए.
बिट्टा कराटे ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि सबसे पहले सतीश टीकू को मारा था क्योंकि आर एस एस का वर्कर था: प्रदीप भंडारी
सांसद सुशील मोदी ने कहा अगर यह 32 साल पुराना मामला है भी लेकिन अपराध कभी खत्म नहीं होता, सिख विरोधी जो दंगे हुए थे उसके मामले अंत तक हाई कोर्ट एफ आई आर पर कार्रवाई करने का आदेश देता रहा. तो मैंने कहा 200 से ज्यादा एफ आई आर दर्ज हुए लेकिन चार्जशीट दायर नहीं हुई अधिकांश ट्रायल प्रारंभ नहीं हुआ और किसी को सजा मिलना तो दूर की बात है. यासीन मलिक हो या बिट्टा कराटे जैसे लोग हो जिनके खिलाफ मजबूत सबूत है इसमें स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन करना चाहिए.
कश्मीरी हिंदुओं के साथ जो नरसंहार हुआ है उसमें एक ही फैमिली आगे आई है क्या उन्हें भी प्रोटेक्शन देना चाहिए: प्रदीप भंडारी
इस सवाल के जवाब में सुशील मोदी ने कहा, नई एफआईआर दर्ज होनी चाहिए, पुरानी एफआईआर की फिर से जांच होनी चाहिए और कश्मीर नरसंहार मामले में यासीन मलिक और बिट्टा कराटे के खिलाफ मुकदमा जम्मू-कश्मीर से बाहर किया जाना चाहिए’. और जो गवाह है उन्हें तो पूरा प्रोटेक्शन देना पड़ेगा.
सुशील मोदी जी आपके हिसाब से इस मामले में संसद क्या कर सकती है: प्रदीप भंडारी
सुशील मोदी ने कहा मैंने तो संसद में यह मुद्दा उठाया है और सरकार से अपील की है कि एक एसआईटी का गठन किया जाए और यह उपयुक्त मौका है 370 खत्म हो गया लोगो मैं पहले की तुलना से डर कम हुआ है यह ठीक समय है और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी कहा है कि कश्मीरी पंडितों के घर लौटने का समय आ गया है, मुझे लगता है कि यह समय कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के सभी मामलों की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का है.