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खरगोन हिंसा पर बुलडोजर वाले एक्शन पर प्रदीप भंडारी का मुकदमा, पढ़िए उनकी दलील

मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी के दिन हुई हिंसा पर सरकार एक्शन में आ गई है। जिला प्रशासन ने खरगोन में रामनवमी जुलूस पर पथराव करने वाले आरोपियों के घरों पर बुलडोजर से कार्रवाई की। सोमवार को शहर के संवेदनशील क्षेत्र मानें जाने वाले छोटी मोहन टाकीज क्षेत्र में भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में सरकार के अधिकारी वहां बुलडोजर लेकर पहुंचे और हिंसा करने वाले आरोपियों के मकानों पर बुलडोजर चलाया। मंगलवार को जनता का मुकदमा के प्राइम टाइम शो में प्रदीप भण्डारी ने इसी मुद्दे पर मुकदमा किया।

प्रदीप भंडारी ने कहा कि, दंगाइयों कान खोल कर सुन लो तुम कोई सामाजिक कार्यकर्ता नहीं हो, तुम कोई देश की सेवा करने वाले शांति नहीं हो, तुम कोई जवान नहीं हो जो बॉर्डर पर देश की रक्षा कर रहे हो, तुम इस देश में कम्युनल माहौल फैलाने वाले और कानून को हाथ में लेने वाले तथा सांप्रदायिक हिंसा फैलाने वाले हो।

दंगाइयों का इलाज बुलडोजर वाला होना चाहिए प्रदीप भंडारी

प्रदीप भंडारी ने आगे कहा कि, इस देश के अंदर यह बात स्पष्ट होनी चाहिए कि दंगाइयों का इलाज और दंगाइयों की दवाई बुलडोजर वाली ही होनी चाहिए। आप मुझ से असहमत भी हो सकते हैं। जब यह दंगाई 18 साल की उम्र से ज्यादा के हैं जो दूध पीते बच्चे नहीं हैं, जब हाथों में रोड, तलवारें और पत्थर लेते हैं, जब रामनवमी में चल रही शोभायात्रा पर पत्थर फेंकते हैं और शोभा यात्रा के दौरान सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस के पैर पर गोली मारते हैं ,क्या इन पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए? देश के अंदर कई ऐसे लोग रहे हैं जो आतंकवादियों को भी समर्थन देते हैं। बुरहान वानी जैसे आतंकवादी को भी मासूम कहते हैं और ऐसे भी पत्रकार हैं जिनको हाफिज सईद से भी समर्थन मिलता है।

देश की जनता सच को सुनना चाहती है और यह सच मैं कह रहा हूं कि रामनवमी पर खरगोन में जब इन दंगाइयों ने हाथों में पत्थर लिए छर्रे वाली बंदूक से पुलिस के पांव पर गोली चलाई और तलवारों से आक्रमण करने की कोशिश की, इन्हें पता था कि यह लोग अपराध कर रहे हैं। इसलिए जब मध्य प्रदेश के अंदर इनकी गैर कानूनी संपत्ति पर नगर निगम ने कार्रवाई की उस समय इनको समर्थन देने वाले पत्रकार, नेता मैदान में कूद पढ़े की नफरत फैलाई जा रही है।

इस देश में जय श्री राम के भजन और नारे लगाना कुछ लोगों के लिए भड़काऊ हो जाता है: प्रदीप भंडारी

प्रदीप भंडारी ने कहा कि, असली नफरत तब हुई जब जय श्री राम के नारे और रामनवमी में जो शोभायात्रा चल रही थी खरगोन से तो यह लोग कह रहे थे यात्रा से भड़काऊ बयान निकले। मतलब इस देश में राम का भजन करना या जय श्रीराम के नारे लगाने से देश में कुछ ऐसी जगह है जहां लोग भड़क जाते हैं और तलवारे निकाल लेते हैं, पत्थर मारते हैं और पुलिस के पांव पर गोली चलाते हैं। इन दंगाइयों को पता था कि यह गैरकानूनी काम कर रहे हैं इसलिए इन्होंने अपने चेहरे को कपड़े से छुपाया था, इन्हें पता था कि यह पकड़े जाएंगे।

पुराना भारत नहीं है जो अपराधियों को छोड़ देगा: प्रदीप भंडारी

यह पुराना भारत नहीं है जो शांतिपूर्ण राजनीति के नाम पर इनको समर्थन मिलेगा, अब कार्रवाई होगी। जब नगर निगम ने इनकी गैरकानूनी संपत्ति को तहस नहस किया, मेरे हिसाब से तो बिल्कुल सही किया। मध्यप्रदेश में ‘मध्य प्रदेश पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी एक्ट’ कानून भी है जिससे रिकवरी भी हो सकती है पर यह जो कार्रवाई हुई है गैर कानूनी संपत्ति पर कानूनी रूप से बिल्कुल सही है, क्योंकि अवैध संपत्ति तो हटनी ही है। अगर अपराधी की अवैध संपत्ति नहीं हटेगी तो किसकी हटेगी और मध्य प्रदेश ही नहीं देश के हर कोने में दंगाई, आतंकवादी और अपराधियों की अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चलना चाहिए।

अब वह दिन गए जब आतंकवादियों को जादू की झप्पी दी जाती थी. दिल्ली दंगे में यह दंगाई और इनके देश विरोधी नारों को समर्थन देने वाले को दिल्ली हाईकोर्ट ने अभी तक बेल नहीं दी है। यही लॉबी उमर खालिद जैसे लोगों को समर्थन दे रही थी। कोर्ट ने कहा है ऐसे लोगों को बेल नहीं मिलनी चाहिए।

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