महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर के मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरते हुए मनसे चीफ राजठाकरे ने कहा है कि जब तक समूचे राष्ट्र की मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं उतरते हैं तब तक आंदोलन जारी रहेगा। राज ठाकरे ने कहा कि ये धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक मसला है। यदि सरकार या दूसरा पक्ष उनकी बातों को नहीं मानता है तो वो भी उसको उसकी ही भाषा में जवाब देंगे. बुधवार को जनता का मुकदमा के प्राइम टाइम शो में प्रदीप भण्डारी ने इसी मुद्दे पर बात की.
प्रदीप भंडारी ने कहा,’सुप्रीम कोर्ट और मुंबई हाई कोर्ट में दो बातें कहीं हैं, और यह फैक्ट है. पहला शाम 10 बजे से सुबह 5 बजे के बीच आप लाउडस्पीकर नहीं बजा सकते. दूसरा आर्टिकल 25 के अंदर लाउडस्पीकर बजाना मौलिक अधिकार नहीं है. फिर जब राज ठाकरे जी भी यही बात कह रहे हैं तो एमवीए की सरकार को मिर्ची क्यों लग रही है?
उद्धव जी वोट बैंक की मजबूरियों के कारण सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहे: प्रदीप भंडारी
उद्धव जी क्या सेक्यूलर अवतार में आप वोट बैंक की मजबूरियों के कारण सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर लागू नहीं कर पा रहे हैं?
और संजय राउत जी आपने तो आरोप हिंदुओं पर ही लगा दिया. इतना वोट बैंक खिसकने का डर है कि आप 130 गैर कानूनी मस्जिदों के लाउडस्पीकर पर एक्शन लेने के बजाय आप हिंदुओं पर ही आरोप लगा रहे हैं कि लाउडस्पीकर विवाद के कारण हिंदू अपनी आरती नहीं कर पा रहे. अजान हो गैर कानूनी लाउडस्पीकर से और जिम्मेदार कानून का पालन करने वाले, हनुमान चालीसा पढ़ने वाले वाला हिंदू!
Is 'Secular Sena' blaming Hindus for illegal loudspeakers?' – Pradeep Bhandari questions Aghadi govt as #RajThackerayVsAghadi faceoff escalates. Watch his DALEEL on JANTA KA MUKADMA on INDIA NEWS at 8 pm.@pradip103 @JMukadma @IndiaNews_itv pic.twitter.com/6yPScmLLCk
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) May 4, 2022
सच हमेशा सामने आता है: प्रदीप भंडारी
सच बात यह है कि राज ठाकरे की दहाड़ ने एमवीए की नींद उड़ा दी है वह सोच रहे हैं करे तो करे क्या, बोले तो बोले क्या, और हां सच हमेशा बाहर आता है. संजीव जी जैसे सच मनसुख हिरेन केस में निकला, जब एनआईए के हलफनामे में यह कहा गया की मनसुख हीरेन मर्डर में जेल में बंद करने वाला पुलिस सचिन वाजे ने प्रदीप शर्मा, जो आपकी पार्टी के कैंडिडेट भी रह चुके हैं उसको 45 लाख की रिश्वत दी थी. मैं आप को कह रहा हूं सत्ता के घमंड को छोड़िए, गैरकानूनी लाउडस्पीकर पर कार्यवाही करिए और सुप्रीम कोर्ट का पालन करिए.