बीते गुरुवार को जम्मू कश्मीर के बडगाम में सरकारी तहसील में काम करने वाले राहुल भट्ट की आतंकवादियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। उसके विरोध में पूरे देश में कई जगह विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इसी कड़ी में आज रविवार को नई दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया गया जिसमें कैंडल मार्च करके कश्मीरी हिंदुओं ने अपना विरोध दर्ज किया।
कश्मीरी हिंदुओं द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन में देश की जानी-मानी पत्रकार और कश्मीर की आवाज कहीं जाने वाली आरती टिक्कू सिंह शामिल हुई थी। उनसे हमारे संवाददाता ने खास बातचीत की आइए जानते हैं इस बातचीत में आरती टिक्कू सिंह ने क्या क्या बताया। जब हमारे संवाददाता ने आरती टिक्कू से प्रश्न किया कि आज जो धरना प्रदर्शन किया जा रहा है उसके बारे में आपका क्या कहना है? तो उन्होंने बताया कि पूरे देश में जहां भी कश्मीरी हिन्दु रहते हैं वहां इस तरह का शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जा रहा है । हम इस प्रदर्शन के जरिए लोगों को बताना चाहते हैं कि बीते 35 सालों से किस तरह से कश्मीरी हिंदुओं पर बर्बरता पूर्ण व्यवहार किया जा रहा है। उन आगे बताया कि यह आक्रोश इसलिए है क्योंकि जो 1990 से कश्मीरी हिंदुओं के साथ नरसंहार किया जा रहा है। आगे वह कहती हैं कि उनको लगा था कि धारा 370 हटाने का जो ऐतिहासिक निर्णय मोदी सरकार ने लिया है। उसके बाद कश्मीरी पंडितों की वापस कश्मीर जाने की व्यवस्था सही तरीके से होगी। जो कश्मीरी पंडित वहां रह रहे हैं और प्राइम मिनिस्टर एंप्लॉयमेंट पैकेज के तहत काम कर रहे हैं उनको सुरक्षा मिलेगी। उनको टारगेट नहीं बनाया जाएगा। कहीं ना कहीं मुझे लगता है कि सरकार को सही फीडबैक नहीं मिल रहा है कि कश्मीर में अभी भी क्या हो रहा है। इतना बड़ा निर्णय लेने के बाद भी मुझे लग रहा है कि कहीं ना कहीं सरकार भूल हो रही है।
उसके बाद जब हमारे संवाददाता ने आरती टिक्कू सिंह से सवाल किया कि किस तरह की कन्फ्यूजन हो रही है? तो इसके जवाब में आरती टिकु कहती हैं कि जो यह बच्चे प्रधानमंत्री पैकेज के तहत गए उनको दूर-दूर भेज के ना तो उनको सुरक्षा दे रहे हैं नहीं उनके रहने और वापस आने का कोई सही तरीका बताया गया। आप उन को टारगेट बना रहे हैं क्योंकि आपके पास ऐसा कोई सुरक्षा व्यवस्था है ही नहीं कश्मीरी पंडितों के लिए। कायदे से उनको राज्य के मुख्यालय में होना चाहिए जहां पर सुरक्षा व्यवस्था ठीक है। सरकार को सलाह मशवरा करके जो तरीका सही है और जो इस समस्या के बारे में ज्यादा जानता है उनसे बात करके सही निर्णय लेना चाहिए था।
आरती टीकू आगे कहती हैं कि जो आतंकवाद की फैक्ट्री 35 साल पहले कश्मीर में थी वह आज भी बरकरार है। पर जब तक सही कार्यवाही नहीं की जाए तो जो आपने 5 अगस्त 2019 को जो ऐतिहासिक निर्णय लिया था वह धरा का धरा रह जाएगा और उसपे पानी फिर जाएगा। अगर आप कोई ठोस कदम नहीं लेते हैं तो।