बुधवार को प्रदीप भंडारी ने अपने शो जनता का मुकदमा पर यासीन मलिक को उम्र कैद की सजा के बाद मुकदमा किया और कहा देश के साथ न्याय नहीं, छलावा हुआ है -यासीन मलिक को फांसी होनी चाहिए.
प्रदीप भंडारी ने कहा कि, ‘माय लॉर्ड आज मैं पूरे देश की तरफ से कहना चाहता हूं कि न्याय अधूरा हुआ है, यह न्याय नहीं हुआ है. कश्मीरी हिंदुओं को मौत के घाट उतारने वाला, आतंकवाद को फंड करने वाला, 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सैयद का जिगरी दोस्त, स्क्वैड्रन लीडर रवि खन्ना का हत्यारा, और कश्मीर घाटी में आतंकवाद की जड़ यासीन मलिक को आज आपने फांसी नहीं दी. आपने कहा कि यह देश अपने संसाधन से पैसा खर्च करेगा और उसको एग्जिट रखेगा’. मतलब हर दिन हमारे जवान अपने देश की रक्षा करते हैं पहले देश के अंदर बैठे गद्दारों से लड़ते हैं, इंटेलेक्चुअल गद्दारों से, फिर आतंकवादियों से लड़ते हैं और इन्हीं आतंकवादियों को फंडिंग करने वाले, पत्थरबाजी को कश्मीर में जन्म देने वाले को अपने मौत नहीं दी, यह देश के साथ न्याय नहीं, छलावा है.
माय लॉर्ड इन्हीं आतंकवादियों ने कल जम्मू-कश्मीर के जांबाज ऑफिसर सैफुल्ला कादरी को मार गिराया. यह इतने बड़े जानवर, देश के दुश्मन है कि जब शहीद सैफुल्ला कादरी की बच्ची, 9 साल की मासूम सफा अपने पिता को बचाने गई तो उन्होंने उसके हाथ पर गोली मार दी. उसकी आंखें देखिए, उसकी मासूमियत देखिए. उसकी आंखों को ध्यान से देखिए आज ऐसी तमाम बेटियां हमारे देश के बारे में क्या सोचेगी की जवानों का हत्यारा और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले को देश ने फांसी नहीं दी. यह न्याय नहीं है!
क्या गारंटी है माय लॉर्ड की 10 साल बाद एक याचिका नहीं दायर की जाएगी कि यासीन मलिक गांधियन है उसका व्यवहार अच्छा है उसको पैरोल पर रिहा कर दो? क्या गारंटी है कि अगर इस देश में छद्म धर्मनिरपेक्ष सरकार आ गई तो वह यासीन मलिक को छुड़वाने के लिए तमाम कोशिश नहीं करेगी? पहले भी इस आतंकवादी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के ऑफिस में चाय बिस्कुट खाया है.
'My Lords, with all folded hands and all due respect I want to say – this is not justice.Terrorist Yasin Malik deserves nothing less than death penalty' – Pradeep Bhandari's DALEEL #HangYasinMalik debate on @JMukadma on @IndiaNews_itv.#YasinMalik@pradip103 pic.twitter.com/lRo42Y4Wu0
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) May 25, 2022
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को भी यह देश भूल चुका है. माय लॉर्ड हम कैसे आतंकवाद और आतंकवाद की वित्तीय गतिविधियों में अंतर कर सकते हैं. आज न्याय नहीं हुआ है! तारीख पर तारीख पर तारीख के बाद भी अजमल कसाब जैसे आतंकवादियों को उत्साहित करने वाला आतंकी मास्टरमाइंड इस देश में जिंदा रहेगा. वैसे भी कुछ पत्रकार देश की अस्मिता की परवाह किए बगैर आतंकवादियों को साहब बुलाते है. अगर इस को फांसी नहीं हुई तो पूरा गद्दार गैंग इसको फ्रीडम फाइटर बना देगा.
इसलिए मैं हाथ जोड़कर कहता हूं, न्याय करो मैं हाई कोर्ट से मांग करता हूं कि यासीन मलिक को फांसी हो.