दिग्गज सिंगर केके की कल नजरूल मंच कोलकाता मे परफॉर्म करने के बाद हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई. प्रदीप भण्डारी ने कहा कि आपको लगेगा हार्ट अटैक आया, क्या किया जा सकता था. पर मैं आपको वीडियो दिखाना चाहता हूं जो यह साबित करते हैं की ऑर्गेनाइजर के तरफ से आपराधिक लापरवाही की वजह से केके की जान नहीं बच पाई.
पहली वीडियो देखिए, इसमें केके अपना आखिरी गाना परफॉर्म करते वक्त बीच में रुकते हैं और उनके चेहरे के हाव भाव असहजता के हैं, दम घुटने के हैं, और वह तोलिया मांगते हैं. क्या ऑर्गेनाइजर ब्लैक आईड को नहीं समझ आया कि उनकी तबीयत खराब हो रही है?
दूसरी वीडियो देखिए जो मंच के पीछे का वीडियो है, यहां केके दूसरी बार ऑर्गेनाइजर को बुलाते हैं और कहते हैं लाइट बहुत ज्यादा है और उनको घुटन हो रही है. वीडियो में आप सुन सकते हैं केके कह रहे हैं की “गर्म है बहुत गर्म है” तब भी ब्लैक आईड इवेंट्स में कुछ क्यों नहीं किया?
2482 की कैपेसिटी वाले हॉल में टीएमसीपी, तृणमूल छात्र परिषद और ब्लैक आईड इवेंट ने 7000 से ज्यादा लोगों को क्यों बंद हॉल में अनुमति दी? जब सिंगर को घुटन होती है तो दरवाजे खोल दिए जाते हैं, ना की अग्निशामक से स्प्रे होता है, जिस से सांस लेने में दिक्कत हो, CO2 लेवल बड़े. किसने ऑर्डर दिया की अग्निशामक को स्प्रे किया जाए.
जब केके को इवेंट से ले जाया गया तो उनके चेहरे को देखकर उनका दम घुट रहा था इवेंट पर कोई डॉक्टर क्यों नहीं मौजूद था उनको 10 किलोमीटर होटल क्यों ले जाया गया कोलकाता के किसी हॉस्पिटल में क्यों नहीं ले जाया गया. और इन सब पर 304A की कार्यवाही करने के बजाए- बॉबी हकीम जो कोलकाता का मेयर है वह कह रहे हैं “हार्ट अटैक किसी को भी आ सकता है, कब भगवान का बुलावा आ जाए किसको पता.
आप ही निर्णय करें दोस्तों, मेरा मानना है कि ब्लैक आईड इवेंट्स से ऑर्गेनाइजर से सवाल पूछे जाने चाहिए. लापरवाही की वजह से देश के लेजेंड सिंगर केके की मृत्यु हुई है, क्या हम केके को बचा सकते थे? और दोस्तों यह पहली बार नहीं हुआ है, फॉसिल बैंड के रूपम इस्लाम में नजरुल मंच में परफॉर्म करते हुए कहा “स्टेज पर सांस भी नहीं ली जा सकती थी”.
इन सब के बावजूद भी ब्लैक आईड इवेंट्स और नजरूल मंच ने जब केके को घुटन हुई उसे उरोकने के कोई भी इंतजाम नहीं किए.