31 मई की रात को देश के लोकप्रसिद्ध और महान गायक KK की मौत कोलकाता के नजरुल मंच पर लाइव शो करते हुए हो गई थी। आज उनका अंतिम संस्कार मुम्बई में किया गया।
2000 लोगों की क्षमता वाले हाल में 7000 से ज्यादा लोगों के एक साथ आ जाने से AC में गड़बड़ी हो गयी। आयोजक भीड़ को रोकने में असमर्थ रहें और भीड़ रोकने के क्रम में fire extinguisher चला दिया और इससे अफरा तफरी का माहौल बना। KK इन सब घटनाओं के बीच स्टेज पर असहज दिख रहे थे। असहज होने के बावजूद उन्होंने अपनी परफॉर्मेंस पूरी की।
कार्यक्रम खत्म करने के बाद बड़े असहज स्थिति में वो कार्यक्रम स्थल से बाहर निकले। उसके बाद होटल पहुँचने के बाद देर रात उनकी मृत्यु हो गयी। प्रथमद्रष्टया उनकी मौत का कारण घुटन ही समझ आ रहा है। इस सब की वजह आयोजक की लापरवाही ही नजर आ रही है।
आज प्रदीप भंडारी में जनता के मुकदमा के अपने सेगमेंट पावर पंच में कहा कि दोस्तों ये सिर्फ और सिर्फ आपराधिक साजिश है और मैं आपको सबूत बताउगा कि कैसे ये आपराधिक साजिश है। उन्होंने आगे बताया कि क्या ये सच है कि नही की 30 मई के कार्यक्रम के बाद भी KK असहज महसूस कर रहे थे? उनको घुटन हो रही थी फिर भी उनका चेकअप नहीं कराया गया। क्या ये सच है कि नहीं कि कोलकाता के हृदयरोग विशेषज्ञ ने कहा था कि ये सामान्य दिल का दौरा नहीं है? क्या ये सच है कि नही कि TMC पंजाब के पंकज घोष ने कहा कि इतनी भीड़ कैसे आ गयी उन्हें पता नहीं है? क्या ये सच है कि माही की TMCP ही आयोजन करवा रहा था? क्या ये सच है कि नहीं कि जो एंकर तह वो खुद कह रहे थे कि KK का दम घुट रहा है फिर भी किसी ने ध्यान नहीं दिया? क्या ये सच है कि नही कि 30 मई के शो में 20 गाने नहीं गया पाए 19 ही गया आयोजकों ने उसपे ध्यान नहीं दिया?
'Is it true or not that organisers didn't call doctors despite seeing #KK's health condition? Is it true or not that TMCP was responsible for crowd management and utterly failed?' –
PRADEEP KA PUNCH on #KKDeathProbe on tonight's edition of @JMukadma.@pradip103 pic.twitter.com/HaWpt9wxR1
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) June 2, 2022
आगे प्रदीप भंडारी ने कहा कि क्या ये सच है कि नहीं कि एक दिन पहले जब KK की स्थिति खराब हुई थी तो उस समय भी डॉक्टर नहीं थे? क्या ये सच हैं कि नहीं कि 30 तारीख को भी AC नहीं चल रहा था और 31 मई को भी नहीं चल रहा था और 2000 क क्षमता में 7000 लोगों को बिठाया गया? और क्या ये सच है कि नही कि जो छात्र बैठे हुए थे वो भी दम घुटने की शिकायत कर रहे थे?