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नेशनल हेराल्ड केस में राहुल से ईडी की पूछताछ पर प्रदीप भंडारी का मुकदमा

नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सोमवार को ईडी के सामने पेश हुए . उनसे नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में करीब 9 घंटे पूछताछ की गई. अपने शो जनता का मुकदमा में शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सवाल पूछे.

प्रदीप भंडारी ने कहा की,’कांग्रेस के गांधी वाड्रा परिवार से मैं पूछना चाहता हूं, आपको यह क्यों लगता है कि इस देश का कानून आपके जागीर है? आज ईडी ने जब श्री राहुल गांधी जी को सवालों के लिए बुलवाया तो मीडिया इंटरव्यूज के हिसाब से भाड़े के प्रदर्शनकारी बुलाए गए यह कहने के लिए कि “राहुल गांधी जिंदाबाद”.’

सभी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं, सांसद और मुख्यमंत्री को एक काम दिया गया था कि वह अपने एक अमेठी से हारे हुए राहुल गांधी जी के लिए सत्याग्रह लीड करें. कुछ पोस्टर्स में लिखा था “झुकेगा नहीं” कुछ नेताओं ने इसकी तुलना आजादी की लड़ाई से की, कुछ कांग्रेस नेता “सत्यमेव जयते” की टी-शर्ट पहनकर रास्ते रोक रहे थे और कुछ मीडिया के सामने दबंग बन रहे थे फिर पुलिस फोर्स को देख कर भाग गए. पर यह सब क्यों? क्योंकि डर लग रहा है कि सच्चाई बाहर आ जाएगी? पिछली बार  जब राहुल जी, प्रियंका जी ने ऐसा चापलूसओं का महा आंदोलन रचा था उसके बाद भी जनता का समर्थन नहीं मिला. क्योंकि जनता को पता है कि यह मामले के तथ्य 2013 से दिख रहे हैं.

क्योंकि जनता यह पूछ रही है 2011 में बनी यंग इंडियन लिमिटेड ने स्वतंत्रता सेनानी वाली कंपनी AJL के हजारों करोड़ों के एसेस्ट सिर्फ 50 लाख में कैसे खरीद लिए? यंग इंडियन वही कंपनी है जिसमें सोनिया गांधी राहुल गांधी की 75 प्रतिशत से ज्यादा की हिस्सेदारी है.

क्योंकि जनता पूछ रही है AICC, जो एक राजनीतिक पार्टी है, उसने किस हैसियत से एक कंपनी को 90 करोड़ का इंटरेस्ट फ्री लोन दिया?

क्योंकि जनता पूछ रही है की डॉटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड को यंग इंडिया ने एक करोड़ रुपए  2016 तक क्यों नहीं दिए.

क्योंकि जनता यह पूछ रही है कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी वाली यंग इंडिया कंपनी जो 2011 में सिर्फ पांच लाख के शेयर कैपिटल से शुरू हुई उसको दूसरी कंपनी डॉटेक्स ने सिर्फ 3 महीने में ही एक करोड़ का लोन कैसे दे दिया?

क्योंकि जनता पूछ रही है डॉटेक्स की क्या एक शेल फर्म नहीं है जो हवाला लेन-देन करने का संदेह था?

क्योंकि एक करोड़ जो डॉटेक्स कंपनी ने यंग इंडिया कंपनी को दिया राहुल गांधी जी सोनिया वाली, वह कोई डॉटेक्स का पैसा नहीं यंग इंडिया का पैसा ही घुमा फिरा के यंग इंडिया में डाला गया?

क्योंकि अभी तक यंग इंडिया के शेरहोल्डर्स ने नहीं बताया कि एक करोड़ लोन डॉटेक्स ने कहां से दिया? क्या वह काला पैसा था?

दोस्तों काला पैसा इस देश में एक बहुत बड़ी समस्या है. जून में ही ED ने दो हजार करोड़ के आसपास की संलग्नक और वसूली की है. परिवारवादी नेता जो सोचते हैं कि देश का कानून उनके हिसाब से चलेगा उनको कोई हक नहीं है कि वह ED के ऑफिसर का हौसला कम करें. राहुल गांधी जी के व्यवहार को आप प्रधानमंत्री मोदी के व्यवहार से तुलना करें तो 2010 में जब कांग्रेस की सरकार गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी को ग्रिल्ड कर रही थी एसआईटी द्वारा 9 घंटे तक , तब बाहर निकल के उन्होंने बोला ‘कोई भी व्यक्ति कानून के ऊपर नहीं है मैं कानून से बंदा नागरिक हूं और  कानून का पूरा पालन करूंगा.,

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