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शिवसेना MLA ने CM उद्धव को लिखी चिट्ठी, एकनाथ शिंदे ने कहा: “यह है विधायकों की भावना..”

महाराष्ट्र में उद्धव सरकार पर छाए सियासी संकट के बीच एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के साथ बगावत करने वाले औरंगाबाद के विधायक संजय शिरसाट ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम एक चिट्ठी लिखी है.​ उन्होंने यह पत्र ट्विटर पर शेयर किया है, जिसे एकनाथ शिंदे ने रिट्वीट करते हुए कैप्शन में लिखा है, ‘यही है हमारी भावना.’ इस पत्र में शिवसेना के सभी बागी विधायकों की ओर से बात की गई है.

पत्र में कहा गया है कि, “हम यह पत्र अपने विट्ठल हिंदू हृदय सम्राट शिव सेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे को इसलिए लिख रहे हैं, क्योंकि कल सही मायने में वर्षा बंगले के दरवाजे जनता के लिए खोल दिए गए थे.  बंगले पर भीड़ देखकर खुशी हुई. पिछले ढाई साल से शिवसेना विधायक के तौर पर हमारे लिए ये दरवाजे बंद थे.”

“एक विधायक के रूप में बंगले में प्रवेश करने के लिए हमें विधान परिषद और राज्यसभा में बेईमान लोगों के बारे में अपना मन बनाना पड़ा जो हमारी जान लेने जा रहे हैं. तथाकथित (चाणक्य लिपिक) वाडवे हमसे यही कर रहे थे और राज्यसभा व विधान परिषद चुनाव की रणनीति तय कर रहे थे. इसका परिणाम सिर्फ महाराष्ट्र ने देखा है. शिवसेना विधायक के रूप में जब हम शिवसेना के मुख्यमंत्री थे, तब हमें वर्षा बंगले तक सीधी पहुंच नहीं मिली. मुख्यमंत्री मंत्रालय की छठी मंजिल पर सभी से मिलते हैं, लेकिन हमारे लिए छठे मंजिल का कोई सवाल ही नहीं है क्योंकि आप कभी मंत्रालय में नहीं गए.”

पत्र में आगे लिखा गया है कि,”कई बार निर्वाचन क्षेत्र के काम, अन्य मुद्दों, व्यक्तिगत समस्याओं के लिए सीएम से मिलने का अनुरोध करने के बाद, वाडवे की ओर से आपको वर्षा बंगले पर बुलाने का संदेश आया लेकिन इसे बंगले के गेट पर घंटों खड़ा रखा जाएगा. अगर मैं कई बार वाडवे को फोन करता, तो वाडवे का फोन नहीं मिलता. आखिरकार हम ऊब जाते और चले जाते. हमारा सवाल यह है कि तीन से चार लाख मतदाताओं में से चुने गए हमारे स्वयंभू विधायकों के साथ ऐसा अपमानजनक व्यवहार क्यों किया जाता है?”

रामलला के दर्शन करन से रोका

पत्र में आगे लिखा गया है कि जब आदित्य ठाकरे अयोध्या गए तो आपने हमें अयोध्या जाने से क्यों रोका? आपने खुद फोन करके कई विधायकों को अयोध्या नहीं जाने की बात कही थी. हम जैसे ही हवाई अड्डे पहुंचकर अयोध्या के लिए निकल रहे थे आपने श्री एकनाथ शिंदे को फोन करके हमें अयोध्या जाने से रोका. राज्यसभा चुनाव में शिवसेना ने एक भी वोट का बंटवारा नहीं किया. हमें रामलला जाने की इजाजत क्यों नहीं है?

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