देश के कई राज्यों का वातावरण गर्म हैं, भले ही पुरे देश में चारों तरफ़ से हिंसक घटनाओं की खबरें आई तो वहीँ उत्तर प्रदेश में इस गर्मी में भी सब कूल-कूल हैं. इतिहास साक्षी हैं जब भी देश में सांप्रदायिक तनाव फैला हैं तो इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश से ही हुई हैं अब इसके विपरीत पुरानी दुर्भाग्यपूर्ण परंपरा उलटी गिनती गिनने लगी हैं. यूपी की योगी सरकार में सुख-शांति का राज स्थापित हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधान सभा चुनाव के समय चेता चुके थे उनकी सरकार दोबारा प्रचंड बहुमत से आ रही हैं,जो पेशेवर अपराधी गड़बड़ करने की मंशा लेकर फिर से गड़बड़ी करने का प्रयास करेगा उनको चुनाव परिणाम के बाद शांत कर दूंगा ,मई-जून की गर्मी में यूपी को शिमला बना दूंगा.
उत्तर प्रदेश में लगभग 3.8 करोड़ मुस्लिम आबादी निवास करती हैं जो प्रदेश की आबादी का 20 प्रतिशत हैं , प्रदेश में हिन्दू और मुस्लिम दोनों धर्मों की धार्मिक गतिविधियाँ सिर चढ़ कर बोलती हैं. उत्तराखंड, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, राजस्थान जैसे राज्यों में छुटपुट ही सही पर हिंसक और सांप्रदायिक घटनाएँ चिंता का विषय हैं. उत्तर प्रदेश जिसे पूर्व में सबसे संवेदनशील सूबा कहा जाता था देशभर में तनाव के बावजूद यहां सब शांति-शांति हैं. बेहतर कानून व्यवस्था देने के इनाम में सूबे की जनता ने पौने चार दशक का रिकॉर्ड तोड़ते हुए योगी आदित्यनाथ को दूसरी बार मुख्यमंत्री बनाया हैं.
हाल ही हुए विधानसभा चुनाव में जनता ये भी कहती नजर आई थी भले ही मंहगाई, बेरोजगारी, खेतों में घूमते निराश्रित पशुओं की समस्याओं से हम परेशान हुए हैं पर बेहतर कानून व्यवस्था और प्रदेश को दंगा मुक्त रखने में योगी सरकार ने ऐतिहासिक सफलता प्राप्त की हैं, जमीनी हकीकत में ये चुनाव जनता बनाम विपक्ष लड़ रहे थे, भाजपा कहीं नहीं लड़ रही थी , जनता ये कहती सुनी गई वंस मोर योगी.
ये सच भी हैं और सरकारी आंकड़े भी यही बताते हैं जो उत्तर प्रदेश हर हफ़्ते दंगो और हिंसा की आग में जलता था अब यहाँ पिछले पांच सालों से साप्रदायिक दंगा या बड़ी हिंसा की घटनायें सामने नहीं आई हैं. जबकि पिछले पांच साल बहुत चुनौतीपूर्ण थे जिसमे साल 2019 सबसे ज्यादा चुनौती भरा था, इस साल 2 बड़े फैसले आये जिसमे 5 अगस्त 2019 को जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाने और 9 नवम्बर 2019 को अयोध्या मामले में श्रीराम मंदिर के पक्ष में फ़ैसला आने के बाद प्रदेश की कानून व्यवस्था के सामने बड़ी चुनौती थी.
श्रीराम मंदिर का फ़ैसला आने के बाद चुस्त-दुरुस्त ला एंड आर्डर के होते परिंदा पर भी नहीं मार सका. एनआरसी और सीएए के विरोध में देशभर में हिंसा हुई, दिल्ली में तो सांप्रदायिक दंगो में दर्जनों लोगों की जान चली गई, जम्मू & कश्मीर से धारा 370 हटने और अयोध्या में श्रीराम मंदिर के पक्ष में फैसला आने पर किसी भी प्रकार की अशांति ना फैला पाने की खुन्नस में दिसम्बर 2019 में एनआरसी और सीएए के विरोध के नाम पर प्रदेश में अशांति फ़ैलाने और दंगा करने की चेष्टा की थी , तत्काल योगी सरकार के आदेश पर प्रशासन ने उपद्रवियों को चिन्हित कर सार्वजानिक स्थानों पर उनके पोस्टर लगवाये, सार्वजानिक संपत्तियों के नुकसान की भरपाई के लिए उपद्रवियों की सम्पति जब्त कर ली, जिसके बाद पेशेवर दंगाई और अराजक तत्वों की कमर टूट गयी थी और पुरे प्रदेश में तुरंत सभी घटनाये थम गईं. योगी सरकार की सख्त कानून व्यवस्था ने हिंसा को पनपने का कोई अवसर ही नही दिया.
पिछले पांच वर्ष पूर्व यूपी के संगठित अपराध और पेशेवर आपराधिक गैंग परवान चढ़ते थे अब सब धराशाई हो गए.अपनी खूंखार अपराधिक प्रवृति से आम नागरिकों का जीना दुश्वार करने वाले दर्जनों दुर्दांत अपराधी या तो प्रदेश छोड़कर चले गए हैं या मुठभेड़ में मारे गए हैं जिन माफ़ियाओ और हिस्ट्रीशीटरों को कुछ राजनीतिक दलों के सत्ता ने संरक्षण दिया और नायक की तरह पाला वो सब जेल की सलाखों के पीछें हैं और तमाम गुंडे, क्रिमिनल्स,पेशेवर दंगाई यूपी से पलायन कर चुके हैं. तोड़फोड़ और दंगा फ़ैलाने की साजिश रचने वाले अराजक तत्वों के खिलाफ़ ऐसी सख्त कार्यवाही होती हैं अब ऐसे लोगों की आगे शांति भंग करने की हिम्मत नहीं होती हैं
शायद ये योगी का गुड गवर्नेस ही हैं जहाँ देश के दूसरे राज्यों में रामनवमी और हनुमान जन्मोत्सव की शोभायात्रा पर हमला कर विशेष समुदाय के लोगों ने पत्थरबाज़ी, आगज़नी, तोड़फोड़ और गोलीबारी जैसी वारदातों को अंजाम दिया, उत्तर प्रदेश में शांति रहीं और एक नया मॉडल स्थापित किया जिसकों लोग योगी मॉडल का नाम दे रहे हैं. उत्तर प्रदेश आज पुरे देश में एक मिशाल के रूप में स्थापित हो चूका हैं ,लोग मानते हैं अगर हाथ में पत्थर उठाया तो योगी का बुलडोजर आ जायेगा और उपद्रविओं के घरो को तोड़कर पत्थरों का ढेर बना देगा, यहाँ दंगाई और पेशेवर आपराधिक घटनाओं में संलिप्तों की खैर नहीँ हैं, और साथ ही उत्तर प्रदेश अब विकास के पथ पर अग्रसर हो चला हैं.