गुरुवार को अपने शो जनता का मुकदमा पर शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ की निर्देशक मणिमेकलई द्वारा बनाई गई मां काली की आपत्तिजनक पोस्टर पर और हिंदू धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के ऊपर मुकदमा किया. शो के दौरान इस्लामिक स्कॉलर अतीक उर रहमान ने प्रदीप भंडारी के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि नूपुर शर्मा गलत नहीं थी और अगर कोई समझता है कि वह गलत थी तो इस्लाम का दायरा इतना बड़ा है कि उनको माफी दी जा सकती हैं.
प्रदीप भंडारी के सवालों का जवाब देते हुए अतीक उर रहमान कहते हैं कि, ‘यह सब चलता रहेगा कोई ना कोई फिल्म बनाई जाएगी, पोस्टर बनाए जाएंगे, कोई कुछ भी बोल देगा इसमें लोग अपने हिसाब से टूट पड़ेंगे चाहे वह PFI हो, कोई राजनैतिक ऑर्गेनाइजेशन हो, या कोई राजनीतिक पार्टी हो. कब तक हम ऐसे हाथ पर हाथ धरकर बैठे रहेंगे.’
मेरा मानना है , मुझे कोई हक नहीं बनता मीडिया के सामने आने का अगर मैं इतना सक्षम नहीं हूं की मैं कुरान और पैगंबर मोहम्मद के बारे में नूपुर शर्मा को यह नहीं बता पाऊं कि आप जो गलत धारणा रखती हैं इस्लाम के बारे में, उसे मैं सही करने में सक्षम हूं. अगर मैं एक इस्लामिक रिसर्च के तौर पर कुरान के बारे में समझाने में सक्षम नहीं होता हूं तो मुझे कोई हक नहीं बनता कि मैं आपके शो पर आकर बैठूं. मैं इस्लाम के खिलाफ आलोचना को आमंत्रित करता हूं,मैं पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आलोचना को आमंत्रित करता हूं ताकि आप मुझे मौका दे यह बताने का कि पैगंबर मोहम्मद असल में थे कौन, अल्लाह ने किस तरह पैगंबर मोहम्मद को दुनिया के सामने पेश किया.
इस्लामिक स्कॉलर अतीक उर रहमान – नूपुर शर्मा गलत नहीं थी
इस्लामिक स्कॉलर अतीक उर रहमान आगे कहते हैं कि नूपुर शर्मा गलत नहीं थी और अगर कोई समझता है कि वह गलत थी तो इस्लाम का दायरा इतना बड़ा है कि उनको माफी दी जा सकती हैं, मौका दिया जा सकता है कि उनको कोई सीनियर इस्लाम का जानकार बताएं कि वह कहां गलत थी.
'I want to ask Islamic Scholars – what was wrong about what #NupurSharma said?' –
Vinod Bansal, VHP Spokesperson asks Islamic Scholar Atiqur Rahman on #StopHinduHate debate on @pradip103's show @JMukadma on @IndiaNews_itv.@vinod_bansal #MahuaMoitra #KaaliPosterRow pic.twitter.com/7h1PnLrpUG
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) July 7, 2022
अतीक उर रहमान का यह बयान सुनकर प्रदीप भंडारी उनके इस बयान का स्वागत करते हैं और कहते हैं इस तरीके से डिबेट होनी चाहिए और सर तन से जुदा वालों को यह समझना चाहिए.