पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा ने हाल ही में एक यू-ट्यूब चैनल को इंटरव्यू दिया था. जिसमें उसने खुलासा किया कि वो तत्तकालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के न्योते पर भारत आए थे, जहां उसे भारत की कई खुफिया जानकारी हासिल हुई थी. इस जानकारी को उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को दिया था. शुक्रवार को अपने शो जनता का मुकदमा पर शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने इसी मुद्दे पर बहस की.
प्रदीप भंडारी ने कहा कि, पिछले कुछ दिनों से भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच आर-पार की लड़ाई चल रही है और इस लड़ाई के बीच में मुख्य केंद्र बिंदु है भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी.
हामिद अंसारी पर कई गंभीर आरोप लगाए गए, देश की जनता जिन पर यह आरोप लगा रही है कि उन्होंने देश की जनता से झूठ बोला. हामिद अंसारी ने अपना पहला पत्र सार्वजनिक किया और उसमें उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान के आईएसआई के एजेंट नुसरत मिर्जा से 2010 में नहीं मिले थे. लेकिन आपने झूठ बोला 2009 में एक इवेंट के दौरान नुसरत मिर्जा और आपकी एक ही टेबल पर बैठे हुए तस्वीर सामने आई है. 2009 में हुए इस जामा मस्जिद यूनाइटेड फोरम इवेंट मैं आपके साथ फारूक अब्दुल्ला, मीरवाइज़ उमर फारूक, ग़ुलाम नबी आजाद, नुसरत मिर्ज़ा और इमाम बुखारी मौजूद थे.
'Mr Ashok Dewan, from then VP #HamidAnsari's office called me and told me that Hamid Ansari wanted us to invite Pakistani journalist #NusratMirza' –
Adish C Aggarwala, the man who organised 2010 conference, speaks to @pradip103 on @JMukadma on @IndiaNews_itv.#WhoInvitedPakSpy pic.twitter.com/FONAjTJaZ5— Jan Ki Baat (@jankibaat1) July 15, 2022
उस समय आप उपराष्ट्रपति थे ऐसा हो ही नहीं सकता कि आपके साथ मंच पर बैठे अलग-अलग लोगों के पृष्ठभूमि की जांच ना हुई हो यह प्रोटोकॉल के खिलाफ है. मतलब आप को पता था की नुसरत मिर्जा कौन है. यह नहीं हो सकता कि जो लोग आपके साथ मंच पर बैठे है उनसे आपने इवेंट खत्म होने के बाद मुलाकात और गुफ्तगू ना की हो.
क्या पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी ने नुसरत मिर्जा को वीजा दिलाने के लिए यूपीए में किसी के साथ लॉबी बनाई थी, जिसने उन्हें भारत के 7 शहरों की यात्रा करने की अनुमति दी थी. क्या यह विवाद सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर नहीं है क्योंकि आरोप बताते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता हुआ था. भारत सरकार को हामिद अंसारी के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के आदेश देना चाहिए और उन घटनाओं की जांच करनी चाहिए जहां आईएसआई से जुड़े पाकिस्तानियों को भारत में आमंत्रित किया गया था.