अग्निवीर योजना के तहत होने वाली भर्ती योजना में जाति प्रमाण पत्र और धर्म प्रमाण पत्र मांगने को लेकर राजनीतिक बवाल शुरू हो गया है। आज प्रदीप भंडारी ने अपने शो मे इसी मुद्दे पर बात की।
प्रदीप भंडारी के कहा कि, मैं पूछना चाहता हूं इन पार्टियों से, की आप सेना के खिलाफ झूठ क्यों फैला रहे हैं? आधा अधूरा ज्ञान उतना ही हानिकारक होता है जितना अज्ञानी होना। आज विपक्ष की पार्टियां ने अग्निवीर पर एक और झूट बोलने की कोशिश कि, की सेना में जाति देखकर अग्निवीरो की भर्ती हो रही है।
'Stop dragging in our forces into petty political fights, stop dividing the Army in caste & religion lines' –
Pradeep Bhandari lays down facts on the table to counter Opposition's 'JAATIVEER' bogey on #AgnipathRecruitmentScheme.@pradip103 @JMukadma @IndiaNews_itv pic.twitter.com/rz3i3QLvRY
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) July 19, 2022
आए तथ्यों पर बात करते है,
तथ्य ये है की सेना में ग्रुपिंग होती जैसे बिहार रेजीमेंट, मद्रास रेजीमेंट, अब बात अगर जाति पूछने की है तो पिछले 7 दशकों से जाति सर्टिफिकेट मांगा जा रहा हैं। 2013 मे सेना ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया था कि ऑपरेशनल जरूरत, और प्रशानिक कॉन्फिडेंस के लिए जाति पूछी जाती है। यह आज़ादी के पहले से चला आ रहा है और इसे 1949 में क़ानूनी रूप में दिया था। ये सब सेना नियमो के तहत 1954 से चला आ रहा है जो 7 दशकों से चला आ रहा है, किसी भी सरकार ने कोई बदलाव नहीं किया है।
धर्म इसलिए जाना जरूरी है कि जब कोई सैनिक वीरगति प्राप्त करे तो उनका अंतिम संस्कार करने के लिए धर्म का पता होना आवश्यक होता है। इससे उनका अंतिम संस्कार उसी धर्म के मुताबिक किया जाता है। तो मेरा इन तेजस्वी प्रकाश और संजय सिंह से निवेदन है की –सेना पर राजनीति मत करो , इसी ने बालाकोट किया था जब झूठे गैंग ने सवाल उठाए थे।