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तालिबान का हक्कानी भी नहीं दे पाया अल जवाहिरी को सुरक्षा, अमेरिका ने घर में घुस कर मारा

अमेरिका ने फिर से एक बार अपनी पुरानी दुश्मनी का बदला घर में घुसकर ले लिया है बिल्कुल उसी तरह जिस तरह पाकिस्तान में घुसकर ओसामा बिन लादेन को मारा था। आपको बता दें की अलकायदा सरगना अयमान अल जवाहिरी काफी समय से अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बने उसके सुरक्षित ठिकाने पर छुपा हुआ था, और उसको तालिबानी ग्रह मंत्री और कुख्यात तालिबानी आतंकी सिराजुद्दीन हक्कानी की कड़ी सुरक्षा मिली हुई थी। हक्कानी ने जवाहिरी को काबुल में अपने एक बेहद सुरक्षित अड्डे में पनाह दी हुई थी। ये वही जवाहिरी है जो ओसामा बिन लादेन का डॉक्टर भी था, जिसे काबुल में हक्कानी की शरण प्राप्त थी, हमले में हक्कानी के एक रिश्तेदार कमांडर के भी मरने की खबर है।

जवाहिरी को सुरक्षा देने वाला अफगानिस्तान का ग्रह मंत्री और हक्कानी नेटवर्क का सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी पाकिस्तान को खुफिया एजेंसी ISI का पालतू है लेकिन अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान के साथ उसके संबंध बिगड़े हुए थे यहां तक कि तालिबान सरकार के गठन के बाद एक पुलिस कार्यक्रम में जब पाकिस्तानी दूत ने उसको सलामी दी तो उसने भाव तक नहीं दिया, इसके अलावा इमरान खान के ‘हक्कानी नेटवर्क’ वाले बयान से भी हक्कानी खफा था। इसलिए अब सवाल ये उठता है की अगर हक्कानी और पाकिस्तान के बीच सबकुछ ठीक नहीं था तो उसने पाकिस्तानी आतंकी संगठन अलकायदा चीफ अल जवाहिरी को अपने यहां शरण क्यों नहीं दी। ये वही हक्कानी है जो अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार के गठन के बाद कह रहा था की अमेरिका सहित बाकी दुनिया से हम बेहतर स्बंध चाहते हैं, लेकिन इसके बावजूद उसने अमेरिका के दुश्मन अल जवाहिरी को अपने यहां शरण क्यों दी?

 

बालकनी के सुख ने छीनी जवाहिरी की जिंदगी

बार बार बालकनी में जाने की आदत को वजह से अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA ke अधिकारियों को जवाहिरी के काबुल में होने की भनक लगी और उसके बाद उन्होंने रिपर ड्रोन के जरिए हेलफायर मिसाइलें दागकर जवाहिरी का काम तमाम कर दिया। इस हमले में हक्कानी के बेटे और दामाद के भी मारे जाने की खबर है। इस जोरदार सफलता के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्वीट करते हुए कहा की ‘हम अपने दुश्मनों को यह बताना चाहते हैं की वो कहीं भी छिप लें लेकिन हम उन्हे मार गिराएंगे’। जवाहिरी 71 साल का हो गया था और वो लादेन की मौत के बाद लगातार 11 साल से अलकायदा का सरगना बना था और लगातार वीडियो जारी करके दुनिया भर को धमकियां दे रहा था। अमेरिका ने जवाहिरी के खिलाफ करोड़ों रुपए का इनाम घोषित कर रखा था।

भड़की तालिबान सरकार

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है की इस हमले में जवाहिरी के परिवार को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। अमेरिका ने इस हमले के बारे में तालिबान को कोई जानकारी नहीं दी थी। इस बीच अमेरिका के हमले के बाद तालिबान सरकार भड़क गई है और उसने अमेरिका को चेतावनी दी है।

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Vipin Srivastava
Vipin Srivastava
journalist, writer @jankibaat1

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