दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के बीच इन दिनों ट्विटर वॉर छिड़ा हुआ है। दरअसल, गुवाहाटी में 16 स्कूलों के बंद होने के बाद राज्य सरकार ने राज्य के 34 और स्कूलों को बंद करने का नोटिस जारी किया था।राज्य सरकार ने ऐसे 34 स्कूलों को नोटिस दिया है, जहां एक भी छात्र 2022 में हाईस्कूल लीविंग सर्टिफिकेट परीक्षा में पास नहीं हुआ। तब से दोनों के बीच ट्विटर वॉर छिड़ गया है।
इसी बीच हिमंत ने ट्वीट किया, ‘जी, आपकी अज्ञानता कष्टदायक है। मुझे अपनी मदद करने दीजिए। असम दिल्ली से 50 गुना बड़ा है। हमारे 4,4521 सरकारी स्कूल में आपके हजारों स्कूलों के मुकाबले 65 लाख छात्र को पढ़ते हैं। समर्पित शिक्षकों की हमारी सेना संख्या दो लाख से ज्यादा है और मिड डे मिल कर्मचारी लगभग 1.18 लाख। उन्होंने आगे लिखा, ‘और हां, जब आप असम आएंगे, जिसकी आप बहुत इच्छा रखते हैं। तब मैं आपको हमारे मेडिकल कॉलेजों में ले जाऊंगा। जो आपके मोहल्ला क्लिनिक से 1000 गुना बेहतर है। हमारे उज्ज्वल सरकारी स्कूल के शिक्षकों और छात्रों से भी मिलिएगा और हां, आप देश को नंबर एक बनाने की चिंता छोड़ दें, वो मोदी जी कर रहे हैं।
We impart education in six mediums including 14 different tribal languages. Our diversity is something that we'r proud of, cherish, & ensure it to thrive through our unique education system. And yes, we do not have resources like that in Delhi. We're proud of what we've and do!👇
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 26, 2022
हिमंत विश्व सरमा ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वोत्तर राज्य और दिल्ली के बीच कोई तुलना नहीं हो सकती क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी के हालात कमोबेश “नगर निगम” के समान हैं। उन्होंने अपने दिल्ली के समकक्ष अरविंद केजरीवाल को असम आने और सरकार द्वारा संचालित शिक्षा और स्वास्थ्य इकाइयों को देखने का आग्रह किया। वहीं, उन्होंने कहा कि वह भी अपनी यात्रा के दौरान दिल्ली में इन सुविधाओं का दौरा करेंगे।
सरमा, केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) के अन्य नेताओं के दिल्ली में असम की तुलना में बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के दावे पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने दावा किया, “दिल्ली सिर्फ नाम का राज्य है, इसके हालात नगर निगम के जैसे हैं।” उन्होंने तर्क दिया, यदि तुलना अन्य राज्यों से करनी हो तो, असम की तुलना झारखंड, छत्तीसगढ़ या पंजाब से की जाए।
सरमा ने कहा, “मैंने उनके मोहल्ला क्लीनिक देखे हैं। लेकिन हमारे गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सुविधाओं को देखने के बाद, उनके क्लीनिक में देखने के लिए बचा क्या है?” मुख्यमंत्री यहां स्वाहिद स्मारक एवं पार्क के कार्य की प्रगति की समीक्षा करने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, दिल्ली में छह से सात हज़ार शिक्षकों के साथ लगभग 1,200 स्कूल हैं, जबकि असम में राज्य सरकार के 60,000-70,000 स्कूल हैं, जिनमें लगभग ढाई लाख शिक्षक कार्यरत हैं।
सरमा ने कहा, “अगर हमारे पास केवल 1,200 स्कूल होते, तो मैं हर दिन प्रत्येक स्कूल का दौरा करता…तब स्कूल में नाश्ते में मछली, दोपहर के भोजन के लिए मांस और रात के खाने के लिए पुलाव परोसा जाता।” केजरीवाल द्वारा उन्हें स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं को देखने के लिए दिल्ली आने के लिए कहने पर, शर्मा ने कहा, “मैं अक्सर दिल्ली जाता हूं, मुझे वहां जाने के लिए कहने के लिए उन्हें ट्वीट करने की आवश्यकता नहीं है।”
उन्होंने कहा, “चूंकि उनकी (केजरीवाल) इच्छा है, मैं अपनी किसी एक यात्रा के दौरान वहां के मोहल्ला क्लीनिक और स्कूल का दौरा करूंगा। वह भी यहां आकर हमारी सुविधाएं भी देख सकते हैं।” गौरतलब है कि केजरीवाल ने बुधवार को असम में कुछ स्कूलों के बंद होने संबंधी खबर के लिंक के साथ ट्वीट किया था कि स्कूल बंद करना कोई हल नहीं है तथा देशभर में और अधिक स्कूल खोलने की जरूरत है। इस पर पलटवार करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरूा ने बृहस्पतिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को टिप्पणी करने से पहले ‘होमवर्क’ करने की सलाह दी थी।