लंपी पायरस का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। राजस्थान में लाखों पशु खतरनाक संक्रमण से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं बीकानेर में मेयर राजपुरोहित ने खुले में पड़े मृत पशुओं के हालातों का जायजा लिया और शव देखकर मेयर का गुस्सा फूट पड़ा।
उत्तराखंड की बात करें तो लंपी वायरस के मामले बहुत तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। अब तक वहाँ आठ हजार से ऊपर गायों में लपी वायरस फैल चुका है। ज्यादातर मामले हरिद्वार , देहरादून और उधमसिंह नगर से समाने आ रहे हैं।
इसके साथ टिहरी जिले में भी लंपि वायरस के मामले समाने आए हैं। अब तक करीब डेढ़ सौ पशुओं की मौत लंपी वायरस की वजह से हो चुकी है। इससे दुग्ध उत्पादन पर भी असर देखने को मिल रहा है। इस कारण पशुपालन विभाग ने सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
हरियाणा के कुछ जिलों में भी लंपि वायरस का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। इसको देखते हुए कई इलाकों में धारा 144 लगा दिया गया है। आदेश के अनुसार हरियाणा के कई जिलों और पड़ोसी राज्यों पंजाब और राजस्थान में मवेशियों में लंपि का प्रकोप है। जानवरों में बीमारी के प्रसार को रोकने, नियंत्रित करने और रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत दिशा-निर्देश जरूरी हैं।
लंपी स्किन डिजीज एक वायरल बीमारी है। इससे संक्रमित मवेशियों में बुखार, आंखों और नाक से स्राव, मुंह से लार आना, पूरे शरीर में गांठ, दूध उत्पादन कम होना और खाने में कठिनाई इसके मुख्य लक्षण दिखने लगते हैं। प्रशासन ने जिला गुरुग्राम के अधिकार क्षेत्र में जानवरों के दूसरे राज्यों के कार्यक्रमों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इन कार्यक्रमों में गुरुग्राम में आयोजित होने वाले पशु मेलों और जानवरों के प्रदर्शन के आयोजन भी शामिल है।
देश के कई राज्यों में लंपि वायरस का फैलाव काफी तेजी से हो रहा है। राज्यों की बात करें तो इसमें राजस्थान, हरयाणा, उत्तराखंड, हिमाचल, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में इसका प्रकोप काफी तेज है। प्रशासन इस वायरस से निपटने के लिए लगातार उपाय कर रहा है।