कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के लिए नॉमिनेशन शुक्रवार को शुरू हो गया। सबसे पहला नॉमिनेशन शशि थरूर ने भरा। इसके बाद गांधी फैमिली की पसंद मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी नॉमिनेशन फाइल कर दिया। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं आज मल्लिकार्जुन खड़गे से मिला था. मैं खड़गे जी के खिलाफ नहीं लड़ूंगा, बल्कि उनका प्रस्तावक बनूंगा और कांग्रेस के लिए हमेशा काम करता रहूंगा।
क्या बोले दिग्विजय सिंह
दिग्विजय ने कहा, “कैमरे पर बात करूंगा, भागने वाला नेता नहीं हूं। कांग्रेस के लिए काम किया है। काम करता रहूंगा। तीन बातों पर समझौता नहीं करता।
पहली बात– दलित, आदिवासी के मामलों में समझौता नहीं करता।
दूसरी बात– साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वालों से समझौता नहीं करता।
तीसरी बात– गांधी परिवार के साथ निष्ठा से समझौता नहीं करूंगा।
मैं कल खड़गेजी के घर गया और पूछा कि आप अगर नॉमिनेशन कर रहे हो तो मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। प्रेस के माध्यम से आज जानकारी मिली कि वे कैंडिडेट हैं। मैं आज फिर उनके घर गया और कहा कि आप वरिष्ठ नेता हैं, मैं आपके खिलाफ चुनाव लड़ने की बात सोच भी नहीं सकता। अब उनका इरादा चुनाव लड़ने का है तो मैं उनका प्रस्तावक बनना स्वीकार करता हूं।”
कांग्रेस में आखिर चल क्या रहा है?
सोनिया गांधी गुरुवार देर रात प्रियंका के घर पहुंचीं। अध्यक्ष पद पर लंबी चर्चा हुई। सूत्रों ने बताया कि वे वाड्रा परिवार की बहू हैं, गांधी परिवार के कोटे में उन्हें न गिना जाए। हालांकि, सूत्रों ने भास्कर को यह भी बताया कि राहुल इसके लिए राजी नहीं थे।
गुरुवार देर रात वे जी-23 से जुड़े नेता आनंद शर्मा और मुकुल वासनिक से भी मिले। इसके बाद फिर से उनका नाम अध्यक्ष पद चुनाव के लिए चर्चा में आ गया। सूत्रों ने बताया कि G-23 का कोई भी कैंडिडेट चुनाव नहीं लड़ेगा।
अब तक क्या क्या हुआ है?
सूत्रों के मुताबिक- शशि थरूर के साथ मल्लिकार्जुन खड़गे आज अपना नामांकन दाखिल करेंगे. सूत्रों के मुताबिक- कांग्रेस में एक पद एक व्यक्ति के नियम के आधार पर मल्लिकार्जुन खड़गे अध्यक्ष पद के लिए राज्यसभा में विपक्ष के नेता के पद से इस्तीफा देंगे।
सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को नामांकन पत्र लेने वाले दिग्विजय सिंह ने आज सुबह खड़गे से मुलाकात के बाद चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया।
वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार के करीबी नेता केसी वेणुगोपाल ने मल्लिकार्जुन खड़गे को आलाकमान के फैसले से अवगत कराया कि गांधी परिवार इस चुनाव में निष्पक्ष रहेंगे और वह अध्यक्ष पद की रेस में शामिल हो सकते हैं।