मोदी के 5जी लॉन्च करने के बाद आज से देश के 13 शहरों में 5जी सेवा शुरू हो गई है. 5जी इटरनेट सर्विस में 4G से दस गुना ज्यादा स्पीड मिलेगी, जिससे लोगों को इंटरनेट एक्सेस करने और मूवी, गेम्स, ऐप और अन्य जीजों को डाउनलोड करने में बहुत ही कम समय लगेगा.
साल 2023 तक इस सेवा से का विस्तार पूरे देश में करने की योजना है. दिल्ली में आयोजित इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2022 कार्यक्रम के मंच से पीएम मोदी ने इस सेवा की शुरुआत की. मोबाइल में इंटनेट की स्पीड़ बढ़ने से इंटरनेट पर आधारित बहुत सारे काम और ही आसान बन जाएंगे.
PM Modi launches 5G services at 6th India Mobile Congress
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— ANI Digital (@ani_digital) October 1, 2022
अल्ट्रा-हाई-स्पीड इंटरनेट का समर्थन करने में सक्षम, पांचवीं पीढ़ी या 5G सेवा से भारतीय समाज एक परिवर्तनकारी शक्ति के रूप में नये आर्थिक अवसरों और सामाजिक लाभों को प्राप्त करेगा, ऐसी उम्मीद है.
जी सेवा को लॉन्च करने से पहले पीएम मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में भारतीय मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) के छठे संस्करण का उद्घाटन किया. यहां पर रिलायंस जियो के चेयरमैन आकाश अंबानी ने पीएम मोदी को 5जी सेवाओं के बारे में जानकारी दी.
बता दें कि आगे चलकर जब स्टैंडअलोन 5G (SA) भारत में होगा, तो आपको बेहतर अनुभव के लिए 5G सिम की आवश्यकता होगी. साथ ही यह भी जानेंगे कि स्टैंडअलोन 5G क्या है और यह नॉन-स्टैंडअलोन 5G से यह कैसे अलग है। क्योंकि भारत को शुरुआती फेज में नॉन-स्टैंडअलोन 5G ही मिलेगा.
SA (स्टैंडअलोन) में रेडियो एक्सेस तकनीक (एक जनरेशन) दी गई है वहीं, NSA (नॉन-स्टैंडअलोन) में रेडियो एक्सेस तकनीकों की दो जनरेशन शामिल है जिसमें 4G LTE और 5G मौजूद है. स्टैंडअलोन 5G के लिए LTE EPC पर निर्भरता की जरूरत नहीं है. क्योंकि यह 5G रेडियो को क्लाउड-नेटिव 5G कोर नेटवर्क के साथ कनेक्ट करता है।.वहीं, अगर बात NSA की हो तो यह 5G रेडियो नेटवर्क के कंट्रोल सिग्नलिंग को 4G कोर से कनेक्ट करता है.