केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह वर्तमान में जम्मू-कश्मीर का दौरा कर रहे हैं। बुधवार को गृह मंत्री एक शहीद के परिवार से मिलने के लिए उरी शहर गए। उन्होंने शहीद एसपीओ मुदस्सिर शेख के आवास का दौरा किया, जो 25 मई, 2022 को जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादियों से लड़ते हुए बारामूला में एक आतंकवाद विरोधी अभियान में मारे गए थे।
32 साल की उम्र में शहीद पुलिसकर्मी के परिवार में उनके पिता मकसूद शेख, मां शमीमा बेगम और पांच भाई-बहन हैं। उनके परिवार ने सार्वजनिक रूप से आतंकवाद की निंदा की है और उनके बलिदान पर गर्व की बात कही थी। शेख एक पुलिस टीम के सदस्य थे जिसने अमरनाथ यात्रा क्षेत्र में आत्मघाती हमले की साजिश रच रहे आतंकवादी समूह को रोका था। मुठभेड़ नजीभात क्रॉसिंग पर हुई थी।
बुधवार को अमित शाह ने शेख के माता-पिता से मुलाकात की। गृह मंत्री शहीद के परिवार से हाथ मिलाए हुए नजर आए। गृह मंत्री ने शहीद की समाधि पर माल्यार्पण भी किया।
J&K | Union HM Amit Shah meets the family of late SPO (now Constable) Mudassir Sheikh who lost his life while fighting 3 JeM terrorists at Najibhat crossing on 25th May in Baramulla.
Late SPO Mudassir was part of a team who intercepted terrorists heading to target Amarnath Yatra pic.twitter.com/37ud6KDiGS
— ANI (@ANI) October 5, 2022
उरी में शहीद के परिवार से मिलने से पहले, गृह मंत्री ने बारामूला में एक रैली को संबोधित किया और कहा कि पीएम मोदी की सरकार का लक्ष्य जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करना है ताकि इसे “देश में सबसे शांतिपूर्ण जगह” बनाया जा सके। उन्होंने राज्य में आगामी चुनावों के बारे में भी बात की।
जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गए अमित शाह ने राजौरी में एक रैली को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने गुर्जर, बकरवाल और पहाड़ी समुदायों को आरक्षण देने की बात कही, अमित शाह ने कहा इसकी तैयारी हो गई है, जिसको लेकर कमीशन ने अपनी सिफारिशें भेज दी हैं। अमित शाह ने पहाड़ी समुदाय को एसटी में शामिल करने का भरोसा दिलाकर जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव चला है।
उन्होंने कहा, “मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि चुनाव आयोग जैसे ही संशोधित मतदाता सूची तैयार करने का काम पूरा करेगा, पूरी पारदर्शिता के साथ चुनाव कराए जाएंगे। आपके जनादेश के आधार पर ही सरकार चलेगी।”