जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र उमर खालिद को दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी। उमर खालिद पर दिल्ली दंगो की साजिश रचने का आरोप है। उमर खालिद को 13 सितंबर 2020 को गिरफ्तार किया गया था और इसके बाद से ही जेल में बंद है।
हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि 24 मार्च के निचली अदालत के आदेश में दखल देने की फिलहाल कोई आवश्यकता नहीं है। हाईकोर्ट के मुताबिक खालिद का नाम साजिश की शुरुआत से लेकर दंगों तक आया है और उसने जंतर मंतर, जंगपुरा, सीलमपुर आदि जगहों पर मीटिंग में हिस्सा लिया था। वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि निचली अदालत ने सभी तथ्यों का परीक्षण करने के बाद ही उमर को जमानत देने से इनकार कर दिया था. ऐसे में हाईकोर्ट भी उमर खालिद की जमानत अर्जी पर विचार न करे।
बता दें कि जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद के खिलाफ एफआईआर में यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम, 1984 की धारा 3 और 4 लगाई गई है। जेएनयू से स्कॉलर उमर खालिद, पिंजरा तोड़ सदस्यों देवांगना कलिता, जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा, स्टूडेंट एक्टिविस्ट गुलफिशा फातिमा और नताशा नरवाल के साथ एफआईआर 59 में आरोपी है।
दिल्ली दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान दंगे हुए थे।