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क्या दिल्ली और पंजाब सरकार प्रदूषण के मामले में हो रही विफल?

दिल्ली-एनसीआर की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है। दिल्ली के IGI एयरपोर्ट स्टेशन पर सुबह 5 बजे के वक्त AQI 489 दर्ज किया गया। वहीं, नोएडा में सुबह के वक्त AQI 562 दर्ज किया गया. वहीं दिल्ली में AQI 450 के पार पहुंच गया. ये काफी गंभीर और खतरनाक स्थिति है। ताजा स्थिति यह है कि पिछले तकरीबन एक सप्ताह से दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बहुत खराब श्रेणी और गंभीर श्रेणी के बीच है। इसके पीछे मौसमी परिस्थितियों के साथ पंजाब और हरियाणा  में जलाई जा रही पराली भी है।वहीं, आम आदमी पार्टी  के नेता अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते हुए केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्यों को इसके लिए ​जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

पंजाब में जमकर जल रही पराली 

मौजूदा आँकड़ों के अनुसार, पिछले साल की तुलना में 15 सितंबर से 1 नवंबर के बीच पराली जलाने के मामलों में 33.5% की वृद्धि हुई है। पिछले साल 15,065 मामले सामने थे, जबकि 2022 में ऐसे 17,846 मामले सामने आए। ईटी के मुताबिक, 2021 में 1 नवंबर को पराली जलाने की 1796 घटनाएँ हुईं। 2022 में यह बढ़कर 1,846 हो गई। ध्यान दें, पंजाब में 40% फसल की कटाई अभी तक नहीं हुई है और आने वाले हफ्तों में ऐसी और घटनाओं के बढ़ने की उम्मीद है।

आँकड़ों से पता चलता है कि अमृतसर, संगरूर, फिरोजपुर, गुरदासपुर, कपूरथला, पटियाला और तरनतारन जिलों में 70% खेतों में आग लगी थी। इन जिलों को 2021 में भी रेड फ्लैग किया गया था।

पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं पर भाजपा ने दिन में आप सरकार को घेरते हुए कहा कि वह अपनी ‘‘गहरी नींद’’से जागे। भाजपा की पंजाब इकाई के महासचिव सुभाष शर्मा ने सवाल किया, ‘‘दिल्ली के मुख्यमंत्री अब चुप क्यों हैं?’’

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