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ये 1962 का नहीं, 2022 का भारत है, जो चीन को मुंहतोड़ जवाब देगा- प्रदीप भंडारी की दलील

तवांग सीमा पर हुई घटना यह बताने के लिए काफी है की चीन सुधारने वाला नही है। वह 3488 कीमी की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर लगातार भरता को उकसाता रहेगा। मंगलवार को अपने शो जनता का मुकदमा पर प्रदीप भंडारी ने इसी मुद्दे पर आज का मुकदमा किया।

प्रदीप भंडारी ने कहा कि, 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई झड़प में चीनी सैनिकों को मुंह की खानी पड़ी. एक इंच भी हमारी जमीन का चीन को नही दिया गया, ना दिया जाएगा। तवांग मुख्य चीनी गार्ड हमारी तैयारी देख कर, हमारे जवानों के आक्रमण को देखकर और जमीन हड़पने वाले चीन जिस तरह 40% से ज्यादा जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है वो समझ गया ये न्यू इंडिया है।

लेकिन दुख की बात है कि कांग्रेस पार्टी मान ही नहीं रही की हमारी एक इंच भी जमीन चीन ने नहीं हड़पी 2014 के बाद। गृह मंत्री अमित शाह ने इसपर मुहतोड़ जवाब दिया और कहा कि कांग्रेस को ये जवाब देना चाहिए कि राजीव गांधी फाउंडेशन मैं वो चीन दूतावज से पैसा क्यों ले रही थी, और ओसामा बैकर जाकिर नाइक के फाउंडेशन से पैसा क्यों ले रही थी?

ये 1962 का भारत नहीं जब गिफ्ट में चीन को हजारो वर्ग किमी की जमीन दे दी गई, ये 2022 का भारत है जहां चीन को मुंह की खानी पड़ रही है, जहां अरुणाचल प्रदेश में स्टेट ऑफ द आर्ट रोड, रेल, एयर कनेक्टिविटी की जा रही है, जो इतने सालों से नहीं की गई।

2407 KM TRSNS अरुणाचल हाईवे, 967 KM पूर्व पश्चिम कॉरिडोर, 2000 KM अरुणाचल फ्रंटियर हाईवे, 800 KM से ज्यादा नई रेलवे लाइन, 3 नए हवाई अड्डे, लैंडिंग ग्राउंड!

तो जवाब देने के बजाय कि राजीव गांधी फाउंडेशन चीन और जाकिर नाइक से पैसा क्यों ले रही थी, कांग्रेस पार्टी ने भारतीय के लिए ताली बजाने के बजाय आज सदन नहीं चलने दी! भूलिए मत डोकलाम के वक्त फर्स्ट फैमिली के लोग चीनी दूतवास के साथ डिनर कर रहे, जिसे सबसे पहले रणदीप सुरजेवाला ने नकारा और फिर स्वीकार की।

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