बुधवार को जनता का मुकदमा में प्रदीप भंडारी से खास बातचीत में बिहार के पूर्व DGP गुप्तेश्वर पाण्डेय आए। सुशांत सिंह राजपूत की हत्या के मामले में लगातार हो रहे नए खुलासे पर उन्होंने अपनी बात रखी। प्रदीप भंडारी ने गुप्तेश्वर पांडे से सवाल पूछा की सुशांत के कपड़े तक नहीं बदले गए पोस्टमार्टम के समय इस पर आपका क्या कहना है? क्या देश के लाल बिहार के लाल को न्याय नहीं मिलेगा? सीबीआई ने इस केस को ठंडे बस्ते में डाल दिया है, इतने सारे गवाह और सबूत सामने आए हैं। इनसे पूछताछ तो कर सकती सकती है सीबीआई।
प्रदीप भंडारी के सवाल के जवाब में बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि सुशांत का मामला हत्या के 20 दिन के अंदर ठंडे बस्ते में चला गया था। न ही महाराष्ट्र में और न ही देश में कोई समाचार था सुशांत सिंह राजपूत के बारे में। मेरे एफआईआर दर्ज करने के आदेश के बाद यह मामला सुर्खियों में आया। हमने 4 पुलिस अधिकारियों की टीम मुंबई भेजी और हमारी अधिकारियों के साथ मुंबई पुलिस का असहयोग होने लगा तब यह मामला सुर्खियों में आया।
जो नए तथ्य आ रहे हैं जैसे पोस्टमार्टम वाले कर्मचारी का आया, इन सब बयानों से एक बात तो स्पष्ट है कि मुंबई पुलिस ने जिस तरीके से बिहार पुलिस की जांच में सहयोग किया और उनको कोई डॉक्यूमेंट नहीं दिया, क्या जांच किया है कुछ नहीं दिखाया। इसके बाद हमने एक आईपीएस ऑफिसर को भेजा और उसे मुंबई पुलिस ने क्वॉरेंटाइन करके हाउस अरेस्ट कर दिया।
मुंबई पुलिस के इस रवैया ने मेरे मन में भी संदेह पैदा कर दिया और मुंबई पुलिस से मेरा कांटेक्ट नहीं हो पा रहा था, कोई मेरा फोन नहीं उठा रहा था इसलिए मैंने मीडिया के माध्यम से पूरे देश को जानकारी देनी शुरू की कि कहीं ना कहीं दाल में कुछ काला है।
आगे गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि मेरे और देश के करोड़ों लोगों के मन में सवाल है तो अब जरूरत है कि सत्य से पर्दा हटाए और सत्य प्रकाशित हो और और सुशांत के मामले में दूध का दूध और पानी का पानी हो। सीबीआई पर जो सवाल उठ रहे हैं इस बारे में मैं तो यह कहूंगा कि सीबीआई को मैं जानता हूं पुलिस अधिकारी प्रोफेशनल हैं।
कितना समय हो गया है साक्ष्यों के साथ बहुत छेड़छाड़ हो गई होगी। लेकिन हम लोग को धैर्य के साथ प्रतीक्षा करना चाहिए मुझे अभी विश्वास है सीबीआई के अधिकारी पर।