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पूर्व आर्मी कमांडर ने प्रदीप भंडारी से कहा- भारत में हो रहे आतंकवादी गतिविधियों का आका ISI है

आज जनता का मुकदमा के स्पेशल संस्करण में प्रदीप भंडारी के साथ खास बातचीत के लिए भारत के पूर्व सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल (रीटा.) केजेएस ढिल्लों आए थे। बातचीत का मुद्दा था राष्ट्रीय सुरक्षा।

प्रदीप भंडारी ने जब केजेएस ढिल्लों से सिद्धरा में हुए आतंकवादियों के एनकाउंटर के बारे में सवाल किया तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि सिध्रा में 4 आतंकवादियों को सर्जिकल ऑपरेशन के तहत खत्म किया। कश्मीर में हो रहे आतंकवादी गतिविधियों का आका ISI है। सिध्रा मॉड्यूल जैस-ए मोहम्मद का था। कश्मीर का आवाम आतंकवाद से मुक्ति चाहता है

प्रदीप भंडारी ने जब क्या में हुए रिकवरी के बारे में बात की तो लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने बताया कि जो हथियार अमेरिका ने तालिबान और अफगानिस्तान के पास छोड़ कर चले गए थे वहीं अब आईएसआई और पाकिस्तान के माध्यम से आतंकवादियों के पास आ रहे हैं। इसमें हथियार का मेन सप्लाई पाकिस्तान आर्मी है। अनार महाराज एसआई सर्दी से पहले पहले हथियार जम्मू कश्मीर में पहुंचाना चाहती है।

प्रदीप भंडारी ने प्रधानमंत्री मोदी के अंदर नेशनल सिक्योरिटी के बारे में सवाल किया तो इस पर केजीएस ढिल्लों ने जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ स्टेट स्पॉन्सर्ड टेररिज्म चला रहा है। उसको काउंटर में ऐड करने के लिए नेशनल लेवल पर स्ट्रेटजी की जरूरत है और पिछले चंद्र सालों में जो काउंटर टेररिज्म स्ट्रैटेजिस बनाई गई है उसमें सारे सिक्योरिटी फोर्स शामिल है। इसमें डिप्लोमेटिक एफर्ट्स भी शामिल है। स्थान को पूरे दुनिया में से आइसोलेट करने के लिए हमने इकोनामिक एफर्ट्स को भी शामिल किया है।

आगे उन्होंने बताया कि अब LOC से घुसना करीब नामुमकिन है। पाकिस्तान कश्मीर में दोबारा आतंकवाद बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। भारत आतंकवाद के खिलाफ हार्ड एक्शन लेने को तैयार है। OGW के खिलाफ सख्त कारवाई को तैयार है। कश्मीर के माताओं ने अपने बच्चों को पत्थरबाज बनने से रोका है।

ड्रग सप्लाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो हथियार सप्लाई करते हैं वही ड्रग भी स्मगलिंग करते हैं। पाकिस्तान ड्रग के जरिए यंग जनरेशन को बर्बाद करना चाहता है। चीन और पाकिस्तान की आपस में मिलीभगत है।

चीन के सवाल पर केजेएस ढिल्लों ने कहा कि चीन के बारे में हमें पहले से पता था। चीन के लिए भारत गले में कांटा है। भारत की डिप्लोमेटिक शान उभर कर सामने आ रही है। चीन हमें बॉर्डर पर उलझाना चाहता है। चीन की कमजोरी नेवी में है। हमारे जवान हिमालय के पहाड़ियों पर आराम से रह सकते हैं वहीं चीन और पाकिस्तान को हिमालय के पहाड़ों पर रहने में मुश्किल आती है।

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