शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीरा बा का निधन हो गया। प्रदीप भंडारी ने जनता का मुकदमा में हीरा बा को श्रद्धांजलि दी। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी को करीब से जानने वाले उदय माहुरकर ने हीरा बा को श्रद्धांजलि देते हुए उनके सादगी के कई किस्से बताए।
उदय माहुरकर ने बताया कि एक RSS प्रचारक के रूप में आपसे अपेक्षा की जाती है कि आप पारिवारिक रिश्तों को त्याग देंगे और खुद को राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित कर देंगे। जब नरेंद्र मोदी प्रचारक बने, तो उनकी मां हीराबा ने उन्हें अपना आशीर्वाद दिया और उनके फैसले का समर्थन किया।
2014 में नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के तीन दिन बाद मैं उनके बड़े भाई सोम भाई के घर गया तो मुझे उम्मीद थी कि वहां काफी भीड़ होगी लेकिन वहां कोई नहीं था। उनकी भाभी ने स्टील की प्लेट में मिठाई और चिवड़ा दिया और कहा कि नरेंद्र भाई पीएम बन गए हैं, मुंह मीठा करिए। मोदी परिवार की सादगी प्रेरणादायक है।
उन्होंने कहा कि 2016 में जब मैं नरेंद्र मोदी के भाई अमृत भाई से मिलने गया तो देखा कि वे एक बहुत ही साधारण से घर में रहते थे, उनकी ALTO कार बाहर ढकी हुई थी। उन्होंने मुझे बताया कि वे साल में सिर्फ 3-4 बार ही बाहर घूमने के लिए कार का इस्तेमाल करते हैं। यही सादगी वे अपने जीवन में अपनाते हैं।
2016 में जब मैं वडनगर गया तो वहां के लोगों ने मुझे बताया कि हीराबा खांसी और सर्दी से पीड़ित लोगों को घर में बनी आयुर्वेदिक दबाई देती थी। वह हमेशा सबके लिए मददगार थीं। हीराबेन के चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती थी। वह लोगों से बात करना पसंद करती थी। वह शारीरिक रूप से बहुत फिट और सक्रिय थी। उनको आखिरी दिन तक अपने घर के अंदर चलने के लिए मदद की जरूरत नहीं पड़ी। 95 साल की उम्र के बाद ही उन्होंने छड़ी का इस्तेमाल करना शुरू किया। जब भी नरेंद्र मोदी उनसे मिलने जाते थे तो उन्होंने कभी समस्याओं की शिकायत नहीं की।
नरेंद्र मोदी का परिवार सादा जीवन में विश्वास रखता है। उनके पास जो कुछ भी है उससे वे संतुष्ट हैं। जब उनके भाई पंकज मोदी को गांधीनगर में पोस्टिंग मिली, तो नरेंद्र मोदी ने यह पता लगाने के लिए रियलिटी चेक भी किया कि क्या उचित प्रक्रिया का पालन किया गया था या किसी ने उनका पक्ष लिया था। वे कितने ईमानदार हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे लोगों को नापसंद करते हैं जो अपने पद का दुरूपयोग कर लाभ चाहते हैं