23 फरवरी को ‘वारिस पंजाब दे’ के समर्थकों ने अजनाला थाने पर हमला कर दिया था, इसमें एसपी समेत छह पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे। इस घटना के बाद पुलिस ने अमृतपाल के करीबी लवप्रीत को रिहा कर दिया था। लवप्रीत को रूपनगर के रहने वाले वरिंदर सिंह के अपहरण व मारपीट के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
अजनाला थाने पर खालिस्तान समर्थकों के हमले के पांच दिन बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। सीसीटीवी फुटेज में सभी आरोपी साफ देखे जा सकते हैं। इसके बावजूद पुलिस ने अभी तक किसी आरोपी की पहचान सार्वजनिक नहीं की है। न ही इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज की गई है।
लेकिन सवाल ये उठता है की पंजाब की आप आदमी पार्टी सरकार कब खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ कोई एक्शन लेगी, क्या भंगवत मान कोई भी कारवाही करने से डर रहे है।
वहीं, अलग-अलग राजनीतिक पार्टियां और संगठन आवाज उठा रहे हैं कि अमृतपाल के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए। अमृतसर ग्रामीण के एसएसपी सतिंदर सिंह ने कहा कि अनजाला घटनाक्रम को लेकर पंजाब पुलिस के उच्च अधिकारी और अलग-अलग सुरक्षा एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। आरोपी किसी भी सूरत में बख्शे नहीं जाएंगे। इसे लेकर सरकार के सख्त आदेश हैं। मामले की जांच चल रही है।