कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी लंदन दौरे पर हैं और कई कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान उन्होंने ऐसे कई बयान दिए जिससे भारत में उनका विरोध तेज हो गया है। भारत में लोकतंत्र को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि वहां लोकतंत्र खत्म हो गया है और संसद में हमारे माइक बंद किए जाते हैं। सूचना प्रसारण मंत्रालय में सीनियर एडवाइजर और वरिष्ठ पत्रकार कंचन गुप्ता ने राहुल गांधी के बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और संसद में उनके ट्रैक रिकॉर्ड को पेश किया है।
राहुल गांधी का निराधार दावा है कि भारत की संसद में विपक्ष को चुप करा दिया गया है। सांसद के रूप में अपने स्वयं के खराब प्रदर्शन और कार्यवाही में असाधारण रूप से कम भागीदारी को छिपाने के लिए वो ऐसा कह रहे हैं। उनकी उपस्थिति केरल और राष्ट्रीय औसत से काफी कम है।
राहुल गांधी की संसद में उपस्थिति 52% है, जो राष्ट्रीय औसत 79% और केरल के औसत 84% से काफी कम है। ऐसे कई मौके आए जब राहुल पूरे सत्र के दौरान अनुपस्थित रहे। 2020 के मानसून सत्र और 2022 के विंटर सत्र के दौरान राहुल की उपस्थिति शून्य रही।
बहस में कम हिस्सा लेते राहुल गांधी
राहुल गांधी ने 2019 के बाद संसद में केवल 6 बहस में हिस्सा लिया है। जबकि केरल राज्य स्तर पर यह औसत 68.2% है और राष्ट्रीय स्तर पर यह 41% है। कांग्रेस नेता और वायनाड के सांसद राहुल गांधी ने भारत की संसद में 2019 और 2023 के बीच 92 प्रश्न पूछे हैं। केरल के सांसदों का औसत प्रश्न 216 है जबकि राष्ट्रीय औसत 163 है।
कांग्रेस नेता और वायनाड के सांसद राहुल गांधी ने जीरो प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया है। जबकि केरल का औसत 3.7 है और राष्ट्रीय औसत 1.2 है।
कंचन गुप्ता ने आगे लिखा, “यह डेटा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। डेटा राहुल गांधी के अहंकारी झूठ को दर्शाता है कि भारत की संसद में विपक्ष खामोश है, विपक्ष को मुद्दे उठाने की इजाजत नहीं और विपक्ष सवाल नहीं कर सकता। राहुल गांधी को विदेशी धरती से भारत को बदनाम करना बंद करना चाहिए। राहुल गांधी एक भटके हुए स्कूली बच्चे की तरह हैं, जिनसे जब शिक्षक पूछते हैं कि उसका होमवर्क कहां है, तो वह बड़े ही फुर्ती से झूठ बोलते हुए कहते हैं कि कुत्ते ने मेरा होमवर्क खा लिया।”