इंटरपोल ने भगोड़े बिजनेसमैन मेहुल चोकसी के खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) हटा लिया है। फ्रांस के लियोन शहर स्थित इंटरपोल के मुख्यालय में चोकसी की ओर से दायर याचिका के आधार पर यह कदम उठाया गया है। दूसरी ओर सीबीआई ने इस घटनाक्रम पर चुप्पी साध ली है।
अब मेहुल चोकसी ने इंटरपोल के सामने दावा किया था कि उसे 2021 में भारतीय एजेंसियों ने ही किडनैप किया था। उनकी तरफ से उसे डोमिनिका ले गए थे, वहां से भारत ले जाने की तैयारी थी। उसके इसी तर्क को समझते हुए इंटरपोल ने उसे ये बड़ी राहत दी है। उसके खिलाफ जो रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था, उसे वापस ले लिया गया। अब इस वजह से मेहुल आजाद हो गया है और पूरी दुनिया में कहीं भी घूम सकता है। बताया जा रहा है कि भारतीय अधिकारियों द्वारा इंटरपोल के फैसले का विरोध किया जा रहा था, वो इसे बदलवाना चाहते थे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब मेहुल को वापस भारत लाना और ज्यादा मुश्किल हो जाएगा।
असल में रेड कॉर्नर नोटिस किसी देश से भागे हुए ऐसे शख्स को ढूंढने के लिए जारी किया जाता है, जिसके ऊपर कोई आपराधिक मामला दर्ज हो। रेड नोटिस अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी का वारंट नहीं होता है। रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने का मतलब यह नहीं है कि वह व्यक्ति दोषी ही है। ये दुनियाभर के देशों को उस शख्स के अपराध की जानकारी देता है। रेड कार्नर नोटिस के जरिए पकड़े गए आरोपी को उस देश में भेज दिया जाता है जहां उसने अपराध किया होता है। रेड नोटिस तभी जारी किया जा सकता है जब कानून की नजर में वह अपराध गंभीर हो