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राहुल गांधी क्यों संसद की सदस्यता खो सकते हैं, वरिष्ठ पत्रकार कंचन गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को समझाया

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को सूरत की जिला अदालत ने दो साल की सजा सुनाई है। हालांकि राहुल गांधी को जमानत मिल गई लेकिन उनकी मुश्किल कम नहीं होने वाली है। राहुल गांधी की संसद सदस्यता भी खत्म हो सकती है। वरिष्ठ पत्रकार कंचन गुप्ता ने ट्वीट कर कहा कि क्यों राहुल गांधी के लिए आने वाला समय मुश्किल भरा हो सकता है।

कंचन गुप्ता ने ट्वीट कर लिखा, “10 जुलाई 2013 के ऐतिहासिक सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को ‘तत्काल अयोग्यता’ का सामना क्यों करना पड़ सकता है? ट्रायल कोर्ट ने राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि का दोषी ठहराया। उन्हें 2 साल की जेल की सजा सुनाई। SC ने कहा है कि इससे तत्काल अयोग्यता होनी चाहिए। 10 जुलाई 2013 के लिली थॉमस बनाम भारत संघ के फैसले में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि ‘कोई भी सांसद, विधायक या एमएलसी जिसे अपराध का दोषी ठहराया जाता है और न्यूनतम 2 साल की जेल दी जाती है, वह तत्काल प्रभाव से सदन की सदस्यता खो देता है।”

कंचन गुप्ता ने आगे लिखा, “भारत के सर्वोच्च न्यायालय के 10 जुलाई 2013 के फैसले ने पिछली स्थिति को नकार दिया, जिसमे दोषी सांसदों, विधायकों, एमएलसी को अपनी सीट बरकरार रखने की अनुमति दी गई थी। जब तक कि वे भारत के निचले, राज्य और सर्वोच्च न्यायालय में सभी न्यायिक उपायों को समाप्त नहीं कर देते थे। भारत के सर्वोच्च न्यायालय के 10 जुलाई 2013 के फैसले ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8 (4) को रद्द कर दिया था, जिसने निर्वाचित प्रतिनिधियों को उनकी सजा की अपील करने के लिए 3 महीने की अनुमति दी थी।”

कंचन गुप्ता ने बताया, “उदाहरण के लिए सपा विधायक अब्दुल्ला आज़म खान को आपराधिक मामले में 2 साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा से तुरंत अयोग्य घोषित कर दिया गया था। लोकतंत्र में कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। सभी समान है। इसलिए कानून राहुल गांधी पर समान रूप से लागू होता है।”

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