प्रधानमंत्री मोदी ने आज अपने 99वें मन की बात कार्यक्रम में देश को संबोधित किया, एक और ऑर्गन डोनेशन और ग्रीन एनर्जी की बात की तो दूसरी तरफ सेना में महिलाओं की हिस्सेदारी को प्रोत्साहन भी दिया। मन की बात के अपने इस कार्यक्रम में आज पीएम मोदी ने कश्मीर के किसानों द्वारा को जा रही कमल ककड़ी और लैवेंडर की खेती के बारे में भी बात की और बताया की कैसे जम्मू कश्मीर के किसान आज अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं और अपने उत्पाद विदेशों में भी एक्सपोर्ट कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने मन की बात में कश्मीर के किसानों का जिक्र करते हुए कहा की ‘जब कश्मीर और श्रीनगर की बात होती है तो सबसे पहले हमारे सामने उसकी वादियाँ और डल झील की तस्वीर आती है, हर कोई कश्मीर के नज़ारे देखना चाहता है, लेकिन डल झील की एक और ख़ास बात है, डल झील अपने स्वादिष्ट लोटस स्टेम या कमल ककड़ी के लिए जानी जाती है, कश्मीर में इन्हें नगरु कहते हैं, इसकी डिमांड लगातार बढ़ रही है, इस डिमांड को देखते हुए नादरू के किसानो ने एक FPO बनाया है, इस FPO में अभी तक 250 किसान शामिल हुए हैं.
आज ये किसान अपने नादरू को विदेशो तक एक्सपोर्ट करने लगे हैं, कुछ दिन पहले ही किसानों ने दो खेप UAE भेजी हैं. ये सफलता कश्मीर का नाम तो कर ही रही है साथ ही इससे किसनों की कमाई भी बढ़ी है.’
पीएम ने आगे जम्मू के किसानों द्वारा की जा रही लैवेंडर की खेती का जिक्र करते हुए कहा ‘जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में एक क़स्बा है बदरबा यहाँ के किसनों ने दशकों से मक्के की पारंपरिक खेती करते हैं, लेकिन कुछ किसानों ने कुछ अलग करने की सोची, उन्होंने, फूलों किखेती का रुख किया और आज याना 2500 किसान लैवेंडर की खेती कर रहे हैं और इन्हें केंद्र सरकार के अरोमा मिशन से मदद भी मिली है, इस खेती ने किसानों की कमाई में बड़ी बढ़त की है, आज लैवेंडर के साथ साथ इन किसानों की खुशबु भी दूर दूर तक फ़ैल रही है.
सौराष्ट्र तमिल संगमम की होगी शुरुआत
भारत की सांस्कृतिक विरासत पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा ‘कुछ महीने पहले कशी में एक परंपरा शुरू हुई, कशी तमिल संगमम के दौरान कशी और तमिल क्षेत्र के बीच सदियों से चली आ रही ऐतिहासिक और संस्कृतिक संबंधों को सेलिब्रेट किया गया, एक भारत श्रेष्ट भारत की भावना हमारे देश को मजबूती देती है, एकता की ये भावना और प्रगाढ़ हो रही है, एकता की इसी भावना के साथ, अगले महीने गुजरात के कई हिस्सों में में सौराष्ट्र-तमिल संगमम होने जा रहा है, सौराष्ट्र-तमिल संगमम 17 से 30 अप्रैल तक चलेगा.
पीएम ने आगे कहा की लोग सोच रहे होंगे की गुजरात का तमिलनाडु से क्या सम्बन्ध है, दरअसल सदियों पहले सौराष्ट्र के एनेकों लोग तमिलनाडु के अलग अलग हिस्सों में बस गए जिन्हें आज भी सौराष्ट्रीय तमिल के नाम से जाना जाता है, उनके खान पान रहन-सहन संस्कारों में आज भी सौराष्ट्र की झलक मिल जाती है. मुझे इस आयोजन को लेकर तमिलनाडु से कई लोगों ने प्रसंशा भरे पात्र लिखे हैं.
पीएम ने वीर लाचित बरफूकन को याद किया
पीएम मोदी ने कहा ‘हम वीर लाचित बरफुकन जी की 400वीं जयंती मन रहे हैं, उन्होंने अत्याचारी मुग़ल सल्तनत के हाथों से गोवाहाटी को आजाद कराया था, आज देश इस महँ योद्धा के अदम्य सहस से परिचित हो रहा है’