भाजपा ने बड़ा कदम उठाते हुए कर्नाटक चुनाव से ठीक पहले बड़ा दांव चला है। मुख्यमंत्री बोम्मई के नेतृत्व वाली सरकार ने मुसलमानों के लिए आवंटित 4 प्रतिशत आरक्षण को खत्म कर दिया है, और साथ ही राज्य के आरक्षण कोटे में बड़े बदलाव किए गए हैं, अब SC को 17% आरक्षण दिया जाएगा, लिंगायत-वोकालिगा समाज के लिए आरक्षण में बढ़ोतरी कर दी गई है,शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में बोम्मई सरकार ने आरक्षण कोटा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 56 प्रतिशत कर दिया है, भाजपा के इस कदम से सियासी गलियारे में सिरगर्मी काफी बढ़ गई है।
बताते चलें कि कर्नाटक सरकार ने अनुसूचित जाति के लिए रिजर्वेशन 15% से बढ़ाकर 17% और अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्वेशन बढ़ाकर 3% से 7% कर दिया है, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में रिजर्वेशन प्रतिशत 50 तय किया था, लेकिन इन बदलावों के बाद राज्य में आरक्षण की सीमा 56% हो गई है। सुप्रीम कोर्ट की तय लिमिट के मुताबिक, रिजर्वेशन पर्सेंटेज को 50% से नीचे रखने की अपील पर कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है।