प्रदीप भंडारी इन दिनों अपनी पूरी टीम के साथ लगातार कर्नाटक के एक एक विधानसभा का सटिक आकलन करने में जुटे हैं और उन्होंने अपना ओपीनियन पोल जारी किया है।
उन्होंने बताया की कर्नाटक का ओल्ड मैसूर इलाका चुनावी लिहाज से अहम रहता है, जेडीएस के इस गढ़ पर दोनों कांग्रेस और बीजेपी की नजर टिकी है । बीजेपी ने कुछ स्थानीय नेताओं को साथ अपनी उम्मीद को बढ़ाया है तो कांग्रेस भी लगातार इसे किले में सेंधमारी करने में जुटी है।
कर्नाटक के ओल्ड मैसूर और बेंगलुरू अर्बन क्षेत्र से अकेले 89 सीटें निकलती हैं, यहां भी ओल्ड मैसूर का इलाका परंपरागत रूप से जेडीएस के साथ खड़ा रहा है । पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा की छवि और उनका वोक्कालिगा समुदाय से आना यहां जेडीएस को दूसरी पार्टियों की तुलना में ज्यादा फायदा दे गया है। दूसरी तरफ बात जब बीजेपी की आती है, इसी वोक्कालिगा समाज का क्योंकि कोई बड़ा नेता साथ नहीं है ।
बीजेपी अपनी सरकार को बचाए रखने की जंग लड़ रही है तो कांग्रेस सत्ता में वापसी में जुटी है, लेकिन निगाहें जेडीएस पर टिकी हैं। एचडी कुमारस्वामी ‘पंचतंत्र यात्रा’ के जरिए एक बार फिर से जेडीएस को किंगमेकर बनाने की जद्दोजहद कर रहे हैं, लेकिन जिस तरह उनके कोर वोटबैंक वोक्कालिगा समुदाय पर बीजेपी और कांग्रेस साध रहे हैं, ऐसे में कुमारस्वामी के सामने अपने सियासी वजूद को बचाए रखने की चुनौती खड़ी हो गई है ।