कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने आज बीजेपी छोड़ कांग्रेस ज्वाइन कर लिया। वह आखिरी बार चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी से टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर लिया। जगदीश लिंगायत समुदाय से आते हैं जो बीजेपी का एक बड़ा वोट बैंक रहा है। तो अब कयास लगाए जा रहे हैं कि लिंगायत समुदाय क्या बीजेपी से हटेगा? इसको लेकर जन की बात के संस्थापक प्रदीप भंडारी ने 3 ट्वीट किए हैं और बताया कि किस तरीके चुनाव को देखा जाना चाहिए।
प्रदीप भंडारी ने ट्वीट कर लिखा, “हुबली धारवाड़ सेंट्रल जहां से जगदीश शेट्टार चुनाव लड़ते हैं, वह लिंगायत मराठा बहुल सीट है। धारवाड़ जिला प्रह्लाद जोशी का गृह जिला है। ऑप्टिक्स के बारे में बात न करें और शुद्ध चुनावी बदलाव के बारे में बात करें। लिंगायत और सिद्धारमैया के इतिहास को देखते हुए मैं इंतजार करूंगा और देखूंगा कि जगदीश शेट्टार 30 हजार लिंगायत वोट अपने नाम पर खींच सकते हैं या नहीं। यही हाल लक्ष्मण सावदी का भी है जो 2018 में ‘मोदी लहर’ के बावजूद अपनी सीट अठनी हार गए थे।”
Hubli Dharwad Central from where Jagdish Shettar fights is a Lingayat Maratha dominated seat. The district of Dharwad is the home district of Prahlad Joshi. Let's not talk about optics & talk about pure electoral shift. 1/3 #KarnatakaElections2023 #electionswithpradeep
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) April 17, 2023
प्रदीप भंडारी ने आगे लिखा, “2018 की तुलना में बीजेपी ने 112 टिकट बदले, 50 साल से कम उम्र के 60+ चेहरों को मैदान में उतारा। बीजेपी ने कर्नाटक चुनाव 2023 में एक साहसिक नया प्रयोग करने की कोशिश की है। इसे काम करने के लिए, इसे ‘मोदी फैक्टर’ की तारीफ करने के लिए बस अपना आधार वोट और अपना घर चाहिए।”