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Jan Ki Baat Opinion Poll on Asianet Suvarna News: प्रदीप भंडारी ने बताया कैसे गैर-लंबानी अनुसूचित जाति में बीजेपी लगा रही है सेंध

प्रदीप भंडारी ने अपने ओपिनियन पोल के विष्लेषण में बताया कि लंबानी समुदाय कर्नाटक राज्य में अनुसूचित जाति के आरक्षण का एक महत्वपूर्ण लाभार्थी रहा है। हालांकि, सरकार की घोषणा के कारण इस समुदाय को आरक्षण का हिस्सा कम होने का खतरा है और इसलिए बीजेपी कई नए मुद्दों और तरकीबों से गैर-लंबानी समाज के वोट बैंक में सेंध लगाने के प्रयास में जुटी है।

पीएम मोदी ने जनवरी 2023 में उत्तरी कर्नाटक के पांच जिलों में घुमंतू लंबानी जनजाति के 52,000 से अधिक सदस्यों के लिए जमीन का मालिकाना हक देने वाले ‘हक्कू पत्र’ वितरण अभियान की शुरुआत की थी।

उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि ‘‘अब निराशाजनक माहौल बदल रहा है। मैं लंबानी माताओं को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनका बेटा दिल्ली में बैठा है।” कलबुर्गी, यादगिर, रायचूर, बीदर और विजयपुरा जिलों में लगभग 1,475 गैर-पंजीकृत बस्तियों को नए राजस्व गांवों के रूप में घोषित किया गया है।

पीएम ने दावा किया कि 1993 में ‘टांडा’ को राजस्व गांव का दर्जा देने की सिफारिश की गई थी लेकिन सबसे लंबे समय तक सत्ता में रहने वाले राजनीतिक दल ने लंबानी को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया और कभी भी इन पिछड़े परिवारों के जीवन स्तर में सुधार करने की कोशिश नहीं की।

बताते चलें कि कर्नाटक में इससे पहले अनुसूचित जाति को 15% आरक्षण मिल रहा था. इसके बाद, राज्य में भाजपा सरकार ने आरक्षण को 2% बढ़ाकर 17% कर दिया।

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Chandan Kumar Pandey
Chandan Kumar Pandeyhttp://jankibaat.com
Chandan Pandey has 5 year+ experience in journalism field. Visit his twitter account @Realchandan21

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