कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जन की बात के संस्थापक प्रदीप भंडारी ने कर्नाटक चुनाव का दूसरा पोल आज Asianet Suvarna पर प्रस्तुत किया।
अपने ओपिनियन पोल में प्रदीप भंडारी ने बताया कि इस बार के चुनाव में कर्नाटक का 2C- फैक्टर क्या है।
प्रदीप भंडारी ने बताया कि,कर्नाटक में इस बार का चुनाव 2C- Factor पर निर्धारित है यानी की जाती और उम्मीदवार (Cast and Candidate) पर।
कर्नाटक चुनाव में इस बार तीनों ही दलों ने जातिगत समीकरणों का ध्यान रखा है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने सबसे ज्यादा टिकट लिंगायत और फिर वोक्कालिंगा समुदाय को दिए। जबकि जेडीएस ने वोक्कालिंगा को सबसे अधिक टिकट दिए हैं।
बीजेपी के कुल 30% उम्मीदवार लिंगायत समुदाय के हैं। कर्नाटक में करीब 17% लोग लिंगायत समुदाय के हैं। जेडीएस ने सबसे ज़्यादा 22% टिकट वोक्कालिगा समुदाय को दिए हैं। कांग्रेस ने 23% टिकट लिंगायत और 20% वोक्कालिंगा को दिए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चेहरा कर्नाटक में जाति के दायरे को तोड़कर भाजपा के लिए वोट लेगा। दूसरे राज्यों की तरह कर्नाटका में भी जाति समीकरण एक काफी महत्व रखता है। कर्नाटका में लिंगायत और वोक्कालिंगा समुदाय का प्रभाव काफी ज्यादा है जिससे साधे बिना परदेस में कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना सकती। लिंगायत समुदाय का कर्नाटक में 75-80 विधानसभा सीटों पर प्रभाव दिखता है।