कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। सभी पार्टियों का जोश हाई है। चुनाव आयोग के गाइड लाइन के अनुसार प्रचार अभियान सोमवार शाम को समाप्त हो जाएगा। हालांकि, इससे पहले राज्य के तीन प्रमुख राजनीतिक दल– भाजपा, कांग्रेस और जेडीएस ने मतदाताओं को रिझाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है । सोमावर को तीनों ही पार्टियों के कई दिग्गज नेता चुनावी रैलियां और जनसभा करेंगे।
सभी पार्टियों के नेता तुफानी दौरों और कार्यक्रमों के जरिए वोटरों को लुभाने की कोशिश में जुटे हैं। बीजेपी के लिए जहां पीएम मोदी कई रैलियों को संबोधित कर चुके हैं, वहां कांग्रेस के लिए राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी रैलियों को संबोधित कर चुके हैं।
बताते चलें कि भाजपा 38 साल पुरानी परंपरा को तोड़ने और दक्षिण भारत में अपने गढ़ को बचाने की कोशिश में जुटी है। वहीं, भाजपा से सत्ता छीनने के लिए कांग्रेस अपनी ओर से कड़ी मेहनत कर रही है और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए मुख्य विपक्षी दल के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रही है।
वहीं राकांपा अध्यक्ष ने शरद पवार ने एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से बात करते हुए कहा, ‘‘मैं हैरान हूं कि प्रधानमंत्री मोदी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान धार्मिक नारे लगाए।’’
अब तक के चुनाव प्रचार में राहुल-प्रियंका भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोलते दिखाई दिए हैं। कांग्रेस स्थानीय मुद्दों को उठा कर बीजेपी पर हमला बोल रही है। शुरुआती दौर में इन स्थानीय मुद्दों की बागडोर स्थानीय नेताओं के हाथ में थी जो अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से लेकर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी जैसे शीर्ष नेताओं के हाथ में आ गई है।
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के प्रचार का सोमवार यही आठ अप्रैल आख़िरी दिन है। ऐसे में राज्य के दो प्रमुख लिंगायत मठों सिद्धारूढ़ स्वामी मठ और मूरुसवीर मठ में प्रमुख नेताओं का जमावड़ा लगने लगा है और चुनावी सफलता के लिए आशीर्वाद लेने की होड़ लगी है। दरअसल, इसके जरिये उनकी कोशिश राज्य की चुनावी राजनीति में खासा वर्चस्व रखने वाले लिंगायत समुदाय को साधने की है।