कर्नाटक में बुधवार को मतदान समाप्त हो गया और एग्जिट पोल के अनुमान टेलीविजन स्क्रीन पर चमकने लगे। यह सवाल कई लोगों के मन में आया होगा कि क्या दक्षिणी राज्य में अंतिम परिणाम अगले साल के लोकसभा चुनावों पर असर डालेंगे। अधिकांश एग्जिट पोल के अनुमानों ने कांग्रेस को आगे रखते हुए कर्नाटक में त्रिशंकु सरकार की भविष्यवाणी की थी। जबकि जन की बात एग्जिट पोल में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनते हुए दिख रही है। अगर इन अनुमानों पर खड़ा उतरा, तो भाजपा अपने पास मौजूद एकमात्र दक्षिणी राज्य को खो देगी।
कर्नाटक की हार या जीत का लोकसभा चुनाव पर असर
बता दें कि कर्नाटक लोकसभा में 28 सदस्यों को भेजता है और राज्य को खोना भाजपा के लिए एक झटका होगा और कर्नाटक से परे अपने चुनावी पदचिह्न का विस्तार करने की उसकी योजना है। कर्नाटक को हारने से बीजेपी के अखिल भारतीय पार्टी होने के दावे में सेंध लग जाएगी, लेकिन इससे कांग्रेस को काफी मदद मिलेगी, क्योंकि चुनावी उलटफेर के बाद 2024 में उसकी निगाह फिर से उठेगी। अधिकांश राजनीतिक विशेषज्ञों की राय है कि कर्नाटक जीतना 2024 में बड़ी लड़ाई से पहले माहौल बनाने का अच्छा मौका होगा।
कांग्रेस अगर जीतती है तो 2024 के लिए संजीवनी बूटी
कांग्रेस यदि इस बार का कर्नाटक विधानसभा चुनाव जीत जाती है तो यह आगामी लोकसभा में उसके लिए संजीवनी बूटी साबित होगी। क्योंकि कर्नाटक में 28 लोकसभा सीट हैं जो कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए काफी मायने रखती हैं। कर्नाटक में वर्तमान में भाजपा के पास 25 लोकसभा सांसद हैं जबकि कांग्रेस के पास केवल 2 लोकसभा सांसद हैं। वहीं 1 सीट अन्य के खाते में है। वर्तमान में कहा जाए तो लोकसभा सीट के मामले में कांग्रेस का बुरा हाल है लेकिन अगर पार्टी विधानसभा चुनाव जीतती है तो इसका फायदा लोकसभा चुनाव में जरूर देखने को मिल सकता है।
भाजपा अगर हारती है तो तेलंगाना और केरल अभियान को लग सकता है झटका
तमिलनाडु और तेलंगाना में, भाजपा के राज्य प्रमुख – अन्नामलाई और बंदी संजय सत्ताधारी दलों DMK और BRS के खिलाफ आक्रामक अभियान चला रहे हैं, ताकि अगली लड़ाई में टेबल पलटने की उम्मीद की जा सके। पीएम मोदी भी केरल को लगातार सौगात दे रहे हैं। लेकिन यदि पार्टी कर्नाटक में चुनाव हारती है तो जरूर इन दोनों राज्यों के लिए झटका होगा।